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आईएस के खिलाफ रणनीति को नया रूप दे रहा है अमेरिका: रक्षामंत्री

वाशिंगटन : मध्यपूर्व में अमेरिका की सैन्य कार्रवाई में संभावित बढ़ोत्तरी का संकेत देते हुए रक्षामंत्री एश कार्टर ने कहा है कि अमेरिका इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को निशाना बनाने के लिए अपनी रणनीति को एक नया आयाम दे रहा है और जरुरत पड़ने पर वह एकपक्षीय जमीनी हमले भी करेगा. […]

वाशिंगटन : मध्यपूर्व में अमेरिका की सैन्य कार्रवाई में संभावित बढ़ोत्तरी का संकेत देते हुए रक्षामंत्री एश कार्टर ने कहा है कि अमेरिका इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को निशाना बनाने के लिए अपनी रणनीति को एक नया आयाम दे रहा है और जरुरत पड़ने पर वह एकपक्षीय जमीनी हमले भी करेगा.

अमेरिका ने सीरिया में विशेष अभियानों के तहत हमले बोले हैं और पिछले सप्ताह उत्तरी इराक में बंधकों को छुडाने के लिए एक जमीनी स्तर के अभियान में भी भाग लिया। इस अभियान में एक अमेरिकी सैनिक मारा गया। वर्ष 2011 के बाद से इराक में मरने वाला यह पहला अमेरिकी सैनिक था। कार्टर ने यह नहीं कहा कि अमेरिका किन परिस्थितियों में जमीनी स्तर पर अतिरिक्त कार्रवाई कर सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘एक बार हम उनकी स्थिति का पता लगा लें, फिर कोई भी लक्ष्य हमारी पहुंच से दूर नहीं है.” कार्टर ने कल कहा, ‘‘हम आईएसआईएल के खिलाफ अवसरवादी हमले बोलने वाले, हवाई या जमीनी स्तर पर सीधे हमले बोलकर प्रत्यक्ष अभियानों को संचालित करने वाले अपने समर्थ सहयोगियों को समर्थन देने से पीछे नहीं हटेंगे.”

कार्टर और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ मरीन जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने अपनी बात सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष रखी। रिपब्लिकन सदस्यों ने ओबामा प्रशासन की सीरिया और इराक में अपनाई जा रही रणनीति की आलोचना की. इराक और सीरिया के बडे हिस्सों पर आईएस आतंकी अपना कब्जा जमा चुके हैं और अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन बलों से लडकर गतिरोध बरकरार रखे हुए हैं.

आतंकी समूह को हराने में हाल में बहुत कम प्रगति होने के बीच, रक्षा मंत्री के बयान ने आईएस के खिलाफ लडाई के प्रति अमेरिका के रुख में हो रहे बदलाव को रेखांकित किया है. ये बदलाव अमेरिका की अधिक सैन्य भागीदारी की संभावना की ओर इशारा करते हैं. हालांकि राष्ट्रपति ओबामा ने कहा है कि जमीनी स्तर के सैन्य बलों को लेकर कोई बडा वादा नहीं करेंगे.

रक्षा अधिकारियों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि जिन अन्य विकल्पों पर गौर किया जा रहा है, उनमें जमीन पर मौजूद इराकी बलों को अपाचे हेलीकॉप्टरों या अन्य विमानों के जरिए वायु सहयोग देना और छोटी इराकी इकाइयों को अमेरिकी सैन्य सलाहाकारों से जोडना शामिल है. इस तरह अमेरिकी लोगों को अग्रिम मोर्चों के करीब रखा जाएगा.

इस समय इराकी बलों को प्रशिक्षण एवं सलाह देने के लिए और अमेरिकी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए इराक में अमेरिका के 3300 सैनिक हैं. सीरिया में अमेरिकी सेनाएं नहीं हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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