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झारखंड : वेतन भुगतान की मांग को लेकर राज्य में डायल 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मियों का हड़ताल शुरू,किया प्रदर्शन

अपने बकाये की मांग को लेकर झारखंड में डायल-108 एंबुलेंस सेवा के कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. इनके हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को सही समय पर एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही है. इसको लेकर सरकार गंभीर है. वहीं, जिला प्रशासन इस समस्या के समाधान में जुट गयी है.

Jharkhand News: झारखंड के 108 एंबुलेंस कर्मियों का पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन भुगतान की मांग को लेकर कई जिलों के एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर चले गये हैं, वहीं कई जिलों में एक-दो दिन में हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. इसको लेकर 108 एंबुलेंस कर्मियों का विरोध प्रदर्शन भी जारी है.

गिरिडीह समाहरणालय के समक्ष 108 एंबुलेंस कर्मियों ने किया प्रदर्शन

गिरिडीह समाहरणालय के समक्ष 108 एंबुलेंस कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान चालकों ने स्वास्थ्य विभाग और संबंधित एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बकाया वेतन की भुगतान करने की मांग की. इस बाबत मोहन कुमार दास, खुर्शीद अंसारी, मोहन कुमार, राहुल कुमार दास, नागेंद्र कुमार चौधरी, नंदलाल कुमार चौधरी, प्रकाश यादव समेत अन्य एंबुलेंस चालकों ने बताया कि वे सभी ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन) एवं चालक के पद पर कार्यरत हैं. लेकिन, कभी भी समय पर उनके वेतन का भुगतान नहीं होता है. कहा कि वे सभी 24 घंटे अपनी सेवा देते हैं. कोविड काल में भी सभी लोगों ने जान जोखिम में डालकर कार्य किया. इसके बावजूद वेतन बढ़ाने की बात तो दूर समय पर वेतन भी नहीं मिलता है. अभी पांच महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन वेतन का भुगतान नहीं हुआ है.

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108 एंबुलेंस कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति

एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि वेतन भुगतान नहीं होने के कारण उनलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इतना ही नहीं जब भी वेतन भुगतान की मांग की जाती है, तो कुछ लोगों को बिना कुछ गलती के ही निकाल दिया जाता है. कहा कि कई बार वेतन भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं, लेकिन अब-जब लगातार आंदोलन करने के बाद भी जब वेतन भुगतान नहीं हुआ, तो हमलोगों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है.

बकाया भुगतान नहीं होने पर हड़ताल रहेगा जारी

कहा कि जिक्तजा हेल्थ केयर लिमिटेड का टेंडर 17 अगस्त, 2023 तक ही है. हम सभी कर्मचारियों को 14 नवंबर, 2022 को ही कंपनी द्वारा टरमिशन लेटर दे दिया गया है. इसके बावजूद भी कंपनी द्वारा कार्य लिया जा रहा है. हम सभी कर्मचारियों का मासिक पीएफ का पैसा काटा जा रहा है, जबकि कर्मचारियों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. कहा कि हमलोगों का वेतन भुगतान पिछले कई महीनों से समय- समय पर नहीं किया जा रहा है. फिर भी हमलोग काम करते रहे क्योंकि हमारे कंपनी के प्रोजेक्ट हेड मिल्टन सिंह द्वारा आश्वासन दिया जाता है कि बहुत जल्द ही भुगतान कर दिया जायेगा, पर अभी-तक किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं हुआ. कहा कि जब तक पूरा बकाया वेतन नहीं मिल जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगा. इस मौके पर काफी संख्या में एंबुलेंस चालक मौजूद थे.

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धनबाद में 150 एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर

बकाये वेतन की मांग को लेकर 108 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का असर चिकित्सा सेवा पर पड़ने लगा हैं. हड़ताल के पहले दिन बुधवार को धनबाद जिले में 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह ठप रही. हड़ताली कर्मियों ने दिन के 11 बजे कोर्ट रोड स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष बकाया की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. कर्मियों ने बताया कि लगातार चार माह से उनका बकाया भुगतान नहीं किया गया है, जिसे लेकर उनके द्वारा उपायुक्त के माध्यम से एजेंसी व स्वास्थ्य मुख्यालय को ज्ञापन सौंपा गया. मंगलवार को एक माह का बकाया भुगतान किया गया. शेष बचे तीन माह का बकाया अबतक नहीं प्राप्त हुआ है. बता दें कि चार माह के बकाया की मांग को लेकर जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड, एजेंसी अंतर्गत कार्यरत जिले के लगभग 150 कर्मी हड़ताल पर है. एजेंसी के अंतर्गत सभी कर्मी 108 एंबुलेंस संबंधित कार्य से जुड़े हुए है. इसमें एंबुलेंस चालक, पारा मेडिकल स्टाफ समेत कार्यालय स्टॉफ शामिल है.

बजती रही टॉल फ्री नंबर की घंटियां, मरीजों को नहीं मिला एंबुलेंस का लाभ

108 टॉल फ्री नंबर पर लोगों के फोन की घंटियां बजती रही. कर्मियों की हड़ताल में चले जाने के कारण किसी ने फोन नहीं उठाया. ऐसे में गंभीर मरीजों को बुधवार को नि:शुल्क 108 सेवा का लाभ नहीं मिल सका. जरूरतमंद मरीजों को निजी एंबुलेंस के जरिये अस्पताल पहुंचाया गया.

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इधर, 12 को नयी एजेंसी व्यवस्था करेगा टेकओवर

बता दें कि जिले में 108 एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेवारी नयी एजेंसी ईएमआरआई ग्रीन को सौंपी गयी है. एजेंसी की ओर से बड़ी संख्या में 108 एंबुलेंस की खेप धनबाद भेजी गयी है. जानकारी के अनुसार नयी एजेंसी 11 से 16 अगस्त के बीच पूरे राज्य में पुरानी एजेंसी से 108 एंबुलेंस संचालन की व्यवस्था को टेकओर करेगी. धनबाद में 12 अगस्त को करेगी.

सता रहा बकाया नहीं मिलने का डर

वर्तमान में कार्यरत जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड का टेंडर समाप्त हो चुका है. नयी एजेंसी ईएमआरआई ग्रीन को 108 एंबुलेंस की जिम्मेवारी सौंपी गई है. वर्तमान में जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के अंतर्गत कार्यरत कर्मियों को इसकी जानकारी है. उन्हें यह डर है कि नयी एजेंसी द्वारा व्यवस्था टेकओवर लेने के बाद उनका बकाया भुगतान नहीं होगा.

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पलामू में मानदेय भुगतान को लेकर एंबुलेंस चालक हड़ताल पर

वहीं, पलामू जिले के 108 नंबर एंबुलेंस के चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. चालकों के हड़ताल का समर्थन इमर्जेंसी मेडिकल टेक्नीशियन कर रहे हैं. चालकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण एंबुलेंस सेवा प्रभावित हुई है. इस कारण मरीजों की परेशानी बढ़ जायेगी. मालूम हो कि दूर-दराज के गंभीर मरीज या दुर्घटना में घायल लोगों को हॉस्पिटल लाने का कार्य इस एंबुलेंस से किया जाता था. पलामू जिले में 108 नंबर के 18 एंबुलेंस हैं. प्रत्येक एंबुलेंस में दो-दो चालक और दो-दो इमर्जेंसी मेडिकल टेक्नीशियन है. चालक नारायण सिंह, शिवशंकर यादव, रहीस अंसारी, इमर्जेंसी मेडिकल टेक्नीशियन राजकुमार पासवान ने बताया कि उन लोगाें को पांच माह से मानदेय नहीं मिला है. पूछने पर एजेंसी जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के प्रतिनिधि कहते हैं कि सरकार से पैसा नहीं मिला है. पैसा मिलने पर ही भुगतान किया जाएगा. ऐसी स्थिति में उन लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न गई है.,एजेंसी के जिला प्रबंधक अजय कुमार ने बताया कि सरकार से एजेंसी का करार 17 अगस्त 2023 तक ही है. सरकार ने अभी तक एग्रीमेंट का नवीकरण नहीं किया है. सरकार ने दूसरी एजेंसी इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ सर्विस एजेंसी का चयन किया है. इस मामले को लेकर जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

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गोड्डा में गुरुवार से 108 एंबुलेंस के कर्मी हड़ताल पर जाएंगे

गोड्डा जिले में कार्यरत 108 एंबुलेंस के कर्मी गुरुवार 10 अगस्त, 2023 से हडताल पर जाएंगे. कर्मी बकाया सहित नियमितीकरण के सवाल पर हड़ताल करेंगे. यह जानकारी 108 एंबुलेंस के चालक संघ के आलोक कुमार द्वारा दी गयी है. कर्मी डीसी, एसडीओ व सिविल सर्जन के यहां सूचना देकर हडताल पर चले जाएंगे. इस संबंध में कर्मियों ने बताया कि पिछले पांच माह से एंबुलेंस कर्मियो के मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है. सभी कर्मी जेडएचएल कंपनी में कार्यरत थे. जेडएचएल कंपनी का अब राज्य सरकार से एमओयू की अवधि खत्म हो गयी है. ऐसे में कर्मियो को बकाया सहित अपने नौकरी की चिंता सताने लगी है.

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हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवा पर पड़ेगा बुरा असर

कर्मियों ने बताया कि कंपनी के चले जाने से उनके बकाये का भुगतान तो नहीं ही हो पायेगा. साथ ही नौकरी की चिंता भी है. कारण की झारखंड सरकार द्वारा दूसरी कंपनी के साथ एमओयू किया गया है. ऐसे में नयी कंपनी पुराने बकाये का भुगतान तो नहीं ही करेगी. साथ ही नये तर्ज पर कर्मियों को रखेगी व मनमाने तरीके से काम करायेगी. ऐसे में कर्मियों का हित मारा जाएगा. कर्मियों को रोजगार की चिंता सताने लगी है जो बीते पांच सालों से इसमें अपनी सेवा दे रहे थे. कर्मियों ने बताया कि राज्य के दूसरे जिले के 108 एंबुलेंस कर्मी पहले से ही हडताल पर हैं. केवल गोड्डा जिले में हडताल पर जाना बाकी है. जो गुरुवार से चले जाएंगे. एंबुलेंस चालक सहित कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवा पर बुरा असर पड़ेगा. इससे विशेषकर गरीब व जरूरतमंद मरीजों को खासा परेशानी होगी. मालूम हो कि 108 के माध्यम से आसानी से जरूरतमंद व गरीब परिवारों को मदद मिलती थी. निशुल्क मरीजों को भागलपुर तथा धनबाद आसानी से पहुंचाया जा सकता था, लेकिन सेवा ठप होने से बहुत असर पड़ेगा.

11 एंबुलेंस में पिछले पांच साल से काम कर रहे हैं गोड्डा में 44 कर्मी

मालूम हो कि जिले में 108 एंबुलेंस के वाहनों की संख्या 11 है. जिसमें 44 कर्मी कार्यरत हैं. जिनकी सेवा बीते पांच सालों से चल रही है. एंबुलेंस सेवा को जिले के अलग अलग स्वास्थ्य केंद्रों में लगाया गया है. जिले के दूरदराज प्रखंड बोआरीजोर, ठाकुरगंगटी, मेहरमा, महागामा, सुंदरपहाडी आदि प्रखंडो में 108 एंबुलेंस सेवा कारगर सेवा है. गरीब रोगियों को आसानी से हायर सेंटर में इलाज के लिये भेजा जाता था. बीते दो दिनो से कर्मियों ने अब कोई भी काल उठाना बंद कर दिया है. जानकारी के अनुसार अकेले सदर अस्पताल से माह में काफी संख्या में रोगियो को मायागंज आदि इलाज के लिये 108 एंबुलेंस के कर्मी ले जाते थे. हडताल पर जाने वाले कर्मियो में आलोक कुमार सिंह, विपूल कुमार सिंह, राजु कुमार, खालिद अख्तर, आनंद कुमार, आनंद कुमार, राजेश कुमार साह, रमेश कुमार यादव, राजेश कुमार राय आदि सहित कई अन्य कर्मी थे.

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देवघर में डायल 108 एंबुलेंस की सुविधा बंद, मरीजों की बढ़ी परेशानी

देवघर जिले में चलने वाले डायल-108 एंबुलेंस के चालक व पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. ये चार महीने का बकाया मानदेय भुगतान की मांग कर रहे हें. इनके हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गयी हैं. मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दुर्घटना में घायल मरीजों तथा गर्भवती को अस्पताल तक पहुंचाने में कठिनाई हो रही है. श्रावणी मेले के दौरान मेला क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य शिविरों में भी एंबुलेंस का उपयोग किया जा रहा था. लेकिन, डायल 108 एंबुलेंस के चालक व पारा मेडिकल स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिले में 13 डायल-108 एंबुलेंस संचालित हैं, जबकि श्रावणी मेले को लेकर छह एंबुलेंस दूसरे जिले से भेजे गये हैं. 19 एंबुलेंस के करीब 80 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं.

डायल 108 पर कॉल करने पर जवाब मिल रहा- चालक हड़ताल पर हैं

जिले में किसी को भी डायल 108 एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पा रही है. डायल 108 पर कॉल करने पर कॉल रिसीव कर देवघर का नाम बताते ही कहा जाता है कि देवघर डायल 108 एंबुलेस चालक और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. यह सुविधा नहीं दी जा सकती है. इससे मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी हो रही है.

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मेला शिविर से भी हटा लिये गये एंबुलेंस

श्रावणी मेला के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल, पुराना सदर अस्पताल समेत मेला क्षेत्र में 32 स्थायी व अस्थायी शिविरों को संचालित किया जा रहा था. इनमें 108 एंबुलेंस के अलावा अन्य जिलों से भी मंगाये गये एंबुलेंस थे. लेकिन, 108 एंबुलेंस के चालकों के हड़ताल पर जाने के बाद मेला क्षेत्र में अब 24 एंबुलेस का ही उपयोग हो पा रहा है.

हड़ताल खत्म करने का हो रहा प्रयास : मिलटन कुमार

इस संबंध में डायल-108 एम्बुलेंस (रांची) के प्रोजेक्ट हेड मिलटन कुमार ने कहा कि बकाया मानदेय की मांग को लेकर चालक और पारा मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर हैं. बकाये मानदेय को लेकर एनएचएम के एमडी से मिलकर समस्याओं को रखना था. लेकिन, छुट्टी होने के कारण नहीं मिल पाये हैं. हड़ताल समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है.

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श्रावणी मेला में किसी प्रकार की समस्या नहीं : सिविल सर्जन

वहीं, सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा ने कहा कि मेला में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो रही है. जहां दो एंबुलेंस थे वहां से हटा कर दूसरी जगह पर लगाये गये हैं. मेला में 24 सरकारी एबुंलेंस लगाये गये हैं. इसके अलावा विभाग प्रयासरत है.

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हजारीबाग में डायल 108 एंबुलेंस सेवा के चालक हड़ताल पर

इधर, पांच माह का बकाया वेतन की मांग को लेकर झारखंड के 108 एंबुलेंस के 337 चालक दल के लगभग 1500 लोग आठ अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. चालकों ने संबंधित जिले के उपायुक्त, सिविल सर्जन और राज्य सरकार से वेतन भुगतान करने की गुहार लगायी है. इस संबंध में सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने मुख्यमंत्री को फैक्स के माध्यम से पत्र भेज कर मांग की है कि झारखंड में लगभग 24 सदर अस्पताल हैं. इन अस्पतालों में हर दिन सैकड़ों मरीज रेफर होकर छह सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, एक एम्स और दो निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जाते हैं. कई मेडिकल कॉलेज के मरीज भी रिम्स रांची जाते हैं. सिर्फ हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से प्रतिदिन 20 से 25 मरीज रिम्स रेफर होते हैं. सड़क दुर्घटना हो या प्राकृतिक आपदा में घायल होनेवाले लोगों को भी तत्काल 108 एंबुलेंस लेकर संबंधित अस्पताल में जाते हैं. इससे सैकड़ों लोगों की जान प्रतिदिन बच जाती थी, लेकिन 108 एंबुलेंस चालकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण पूरे झारखंड में स्थिति चिंताजनक हो गयी है. एक एंबुलेंस में दो इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन और दो पायलट रहते हैं, जो मरीज को ऑक्सीजन, जरूरी साल्ट इंजेक्शन रास्ते में देते रहते हैं. सरकार इस मामले में तत्काल संज्ञान ले और पांच माह का बकाया वेतन तत्काल भुगतान कर हड़ताल को समाप्त कराये.

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