Varanasi News: काशी हिंदू विश्व विश्वविद्यालय ( बीएचयू ) के उर्दू विभाग के कार्यक्रम में अल्लामा इकबाल की फ़ोटो लगाने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ जहां इस पूरे मामले में बीएचयू ने जांच कमेटी का गठन कर 3 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है, वहीं बीएचयू के छात्रों ने पोस्टर वार शुरू कर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
बीएचयू के आर्ट्स फैकल्टी के छात्रों ने कई जगहों पर पोस्टर लगा कर सवाल उठाया है. बीएचयू में लगाये गए पोस्टर में लिखा है कि बीएचयू के प्रोफेसर द्वारा कभी भारत का मानचित्र गलत दिखाया जाता है तो कभी श्री राम का अपमान किया जाता है. अब पाकिस्तान बनाने के समर्थक की तस्वीर लगा के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
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बीएचयू में उर्दू दिवस पर आयोजित वेबिनार में बीएचयू के प्रोफेसर के अलावा देश के अन्य विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने भाग लिया था. उर्दू विभाग के कार्यक्रम के लिए एक आमन्त्रण पत्र छपवाया गया था, जिस पर महामना मदन मोहन मालवीय की तस्वीर की जगह विवादित शायर अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगाई गई थी. इस पूरे मामले में हंगामा होने पर बीएचयू विश्वविद्यालय प्रशासन ने माफी मांगी थी और जांच कमेटी का गठन कर के 3 दिन के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि जब किसी भी मामले का विरोध होता है तो कमेटी का गठन किया जाता है. कमेटी जांच करने और कार्रवाई के नाम पर बस खानापूर्ति करती है. सावरकर मंच की और से लगाये गए इन पोस्टर से बीएचयू का माहौल राजनीतिक रूप से गरमा सकता है.
रिपोर्ट: विपिन सिंह

