10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मनीष गुप्ता केस में नया खुलासा, BRD मेडिकल कॉलेज से पर्चा लीक, डेड बॉडी का इलाज करते रहे डॉक्टर?

27 सितंबर की रात बने पर्चे पर मनीष का नाम, उम्र के साथ ही आने का समय, भर्ती होने और मृत्यु का समय दर्ज है. इसी पर्चे पर कोने में अस्पताल पहुंचने से पहले मौत का जिक्र है. इसे लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं. मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Kanpur News Updates: कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर में मौत मामले में नए खुलासे से हड़कंप मच गया है. अब, इमरजेंसी पर्चा सार्वजनिक होने से बाबा राघव दास मेडिकल कालेज पर सवाल खड़े हो गए हैं. 27 सितंबर की रात बने पर्चे पर मनीष का नाम, उम्र के साथ ही आने का समय, भर्ती होने और मृत्यु का समय दर्ज है. इसी पर्चे पर कोने में अस्पताल पहुंचने से पहले मौत का जिक्र है. इसे लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं. मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Also Read: CBI करेगी मनीष गुप्ता मर्डर केस की जांच, योगी सरकार का फैसला, इंस्पेक्टर जेएन सिंह सहित सभी आरोपी अब भी फरार
डेड बॉडी का इलाज करते रहे डॉक्टर?

मीडिया में लीक मनीष गुप्ता के इमरजेंसी पर्चे पर सवाल उठने लगे हैं. सवाल है कि जब पर्चे पर अस्पताल पहुंचने से पहले मौत का जिक्र है तो उसे एडमिट किस सूरत में किया गया. अस्पताल में लाने के पहले मनीष की मौत हो गई थी तब डॉक्टर ने उसे वापस क्यों नहीं किया? वहीं, पर्चे के नीचे मानसी हास्पिटल तारामंडल से रेफर होकर रात 2.15 बजे मेडिकल कॉलेज लाने और 2.35 बजे मृत्यु होने की बात लिखी है. सवाल यह है कि क्या मनीष गुप्ता की अस्पताल लाने के पहले मौत हुई थी या अस्पताल में इलाज के दौरान. वहीं, पर्चे पर दो तरह की बातें लिखी हैं. जो मनीष गुप्ता की मौत पर सवाल उठाते हैं.

अगर अस्पताल के नियमों को देखें तो हॉस्पीटल लाने के पहले जिस मरीज की मौत हो जाए, उसे एडमिट नहीं किया जाता है. मनीष गुप्ता के केस में अस्पताल प्रबंधन ने बड़ी ‘लापरवाही’ की है. दूसरी तरफ पर्चा लीक होने पर मेडिकल कॉलेज की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. मामले की एसआईटी जांच कर रही है.

Also Read: कानपुर में मनीष गुप्ता के परिवार से नहीं मिलीं प्रियंका गांधी, कार्यक्रम रद्द करके लौटीं दिल्ली
कानपुर में मनीष गुप्ता की पत्नी से मिली एसआईटी

गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मौत का शिकार बने मनीष गुप्ता के मामले में एसआईटी ने मृतक के घर कानपुर पहुंचकर बुधवार को बयान दर्ज किया. एसआईटी की टीम ने मृतक की पत्नी, मृतक के दो दोस्तों (घटनास्थल पर मौजूद) के बयान लिए. करीब 6 घंटे तक एसआईटी की टीम मृतक के घर पर रही. इस दौरान एसआईटी ने गवाहों से घटना के बारे में जानकारी ली. घटना से जुड़े कई सवाल पूछे.

पुलिस कमिश्नर कानपुर असीम अरुण भी मृतक के परिवार से मिलने पहुंचे. पुलिस कमिश्नर ने मृतक के परिजनों को आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होने का भरोसा दिया. मृतक की पत्नी का कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने उनसे कहा है कि बयान दर्ज नहीं होने की वजह से मामले की जांच में देरी हो रही थी. अब, मनीष गुप्ता मामले की जांच में तेजी आएगी. मृतक के दोस्तों ने बताया कि गोरखपुर में पुलिस ने बर्बरता की हदें पार कर दी थी. उनके सामने ही मनीष गुप्ता की बुरी तरह पिटाई की गई थी.

(कानपुर से आयुष और गोरखपुर से अभिषेक पांडेय की इनपुट्स)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें