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गांव की सरकार : नक्सली कमांडरों के गांव में बंपर वोटिंग, गुमला प्रखंड के उत्तरी भाग के बूथों का जानें हाल

झारखंड पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुलेट पर बैलेट भारी पड़ता दिखा. गुमला में नक्सली कमांडारों के गांवों में बने बूथों पर बंपर वोटिंग हुई. वोटिंग को लेकर वोटर्स सुबह से ही बूथों पर दिखे.

Jharkhand Panchayat Chunav: झारखंड पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में नक्सल प्रभावित जिला गुमला में बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा. इस जिले के कई इलाके नक्सल प्रभावित है. कुछ गांवों में नक्सली कमांडरों का घर है. ये नक्सली अभी भी भाकपा माओवादी में हैं. इसके बावजूद इन नक्सली कमांडरों के गांवों में भी बंपर वोटिंग हुई है. वोटर बेखौफ बूथ तक पहुंचे और वोट डाले. कोई डर और भय नहीं दिखा. सुबह से ही वोटर बूथ तक पहुंचने लगे थे.

नक्सल प्रभावित गांवों में वोट को लेकर मतदाताओं में दिखा उत्साह

दूसरे चरण के पंचायत चुनाव को लेकर नक्सली कमांडारों के गांवों में बनाये गये बूथ में दिन के एक बजे तक 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हो गया था. मड़वा गांव के बूथ नंबर 28 में 11.08 बजे तक 149 वोट, 27 बूथ में 11.09 बजे तक 145 वोट पड़ चुका था. जबकि दर्जनों वोटर कतार पर खड़े थे. यह गांव नक्सल प्रभावित है. वहीं, जाना गांव के बूथ नंबर 70 में 120 वोट व बूथ 71 में 101 वोट दिन के 9.50 बजे तक पड़ गया था. जाना गांव में अक्सर विधानसभा चुनाव में भाकपा माओवादी दस्तक देते हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में एक उम्मीदवार के प्रचार गाड़ी को आग लगाने के अलावा एजेंटों को बेरहमी से पीटा था. इसलिए यह क्षेत्र नक्सल के रूप में माना जाता है.

बड़ा खटंगा से लेकर आंजन गांव में वोटिंग का हाल

वहीं, बड़ा खटंगा के बूथ नंबर 52 में दिन के 10.33 बजे तक 160 वोट पड़ चुका था. जबकि पाकरटोली एक नक्सली बड़े नक्सली कमांडर का गांव है. हालांकि, एक साल पहले वह नक्सली कमांडर पुलिस मुठभेड़ में मारा जा चुका है. आंजन गांव के बूथ नंबर 35 में 86, 36 में 105, 37 में 139 व 39 बूथ में 150 वोट दिन के 10.05 बजे तक पड़ चुका था. आंजन गांव एक समय में नक्सल के रूप में जाना जाता है. हालांकि, अब इस क्षेत्र की फिजा बदल रही है. अब आंजन गांव की पहचान भगवान हनुमान की जन्म स्थली के रूप में होने लगी है. आंजन गांव के स्कूल के चारों बूथों में वोटरों की काफी भीड़ थी. हालांकि, यहां के मतदानकर्मियों के लिए पानी व भोजन की व्यवस्था नहीं की गयी थी.

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वोटर्स की दिखी लंबी कतार

कुल्ही गांव के बूथ नंबर 32 में दिन के 10.57 बजे तक 178 वोट पड़ चुका था और वोटरों की यहां लंबी कतार लगी हुई थी. सकरपुर गम्हरिया कभी नक्सल प्रभावित माना जाता था. अब इस गांव में बदलाव आ रहा है. इस गांव के स्कूल के बूथ नंबर 81 में 90 वोट, 80 में 58 वोट, 76 में 67 वोट दिन के 9 बजे तक पड़ा था. इसके अलावा वोटरों की यहां लंबी कतार लगी हुई थी.

आइआरबी ने संभाली सुरक्षा का भार

आमूमन नक्सल इलाकों के बूथों में सीआरपीएफ की तैनाती होती थी. परंतु इसबार पंचायत चुनाव में आइआरबी के जवानों को तैनात किया गया था. सबसे बड़ी बात कि ये जवान खाली हाथ डयूटी किये. सिर्फ चौकीदारों के पास लाठी था. जबकि आइआरबी के महिला व पुरुष जवान खाली हाथी ड्यूटी करते हुए शांतिपूर्ण मतदान कराए. किसी बूथ में कोई झड़प या विवाद नहीं हुआ. यहां तक कि आइआरबी के जवान वोटरों को बूथ तक पहुंचने में मदद भी किये हैं.

रिपोर्ट : जगरनाथ, गुमला.

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