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Dhanteras 2021 Mantra: धनतेरस पर जरूर करें इस मंत्र का जप, जानिए इनकी पूजा विधि

Dhanteras 2021 Mantra, Puja Vidhi and Puja Samagri List: . कहा जाता है कि धनतेरस के दिन जो भी काम किए जाते हैं, उसमें 13 गुनी वृद्धि होती है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष धनतेरस पर पूजा की सही विधि और पूजन मंत्र क्या है.

Dhanteras 2021: धनतेरस का पर्व आज है. यानि 2 नवंबर 2021, मंगलवार को थोड़ी देर में धनतेरस की पूजा की जाएगी. कहा जाता है कि इस दिन जो भी काम किए जाते हैं, उसमें 13 गुनी वृद्धि होती है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष धनतेरस पर पूजा की सही विधि और पूजन मंत्र क्या है.

धनतेरस पूजा सामग्री

  • कपूर

  • केसर

  • यज्ञोपवीत

  • कुमकुम

  • चावल

  • अबीर- गुलाल

  • हल्दी

  • मेहंदी

  • चूड़ी

  • काजल

  • पायजेब

  • बिछुड़ी

  • रुई

  • रोली

  • सिंदूर

  • सुपारी

  • पान का पत्ता

  • पुष्पमाला

  • कमलगट्टे

  • धनिया खड़ा

  • सप्तमृत्तिका

  • सप्तधान्य

  • कुशा

  • दूर्वा

  • पंच मेवा

  • गंगाजल

  • शहद

  • शक्कर

  • शुद्ध घी

  • दही

  • दूध

  • फल

  • नैवेद्य या मिष्ठान्न

  • इलायची (छोटी)

  • लौंग

  • मौली

  • इत्र

  • तुलसी

  • चौकी

  • आसन

  • पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)

  • औषधि

  • चांदी सिक्का

  • वस्त्र

  • सफेद कपड़ा

  • लाल कपड़ा

  • दीपक

  • श्रीफल (नारियल)

  • धान्य (चावल, गेहूं)

  • लेखनी (कलम)

  • हल्दी की गांठ आदि.

किसी भी पूजा को आरंभ करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि वह सबके आराध्य हैं. धनतेरस के दिन पूजा आरंभ करते हुए सबसे पहले विघ्नहर्ता श्री गणेश को स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं. इसके उपरांत गणेश जी को लाल वस्त्र पहनाएं और उन पर ताजे पुष्प अर्पण करें। धनतेरस की पूजा को आरंभ करने से पहले इस मंत्र को पढ़ें-

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)

  • धनतेरस की पूजा आरंभ करने से पहले लाल कपड़ा बिछाकर मुट्ठी भर अनाज रखें. अनाज पर चांदी, तांबा या मिट्टी का कलश स्थापित करें.

  • कलश में तीन चौथाई पानी भरकर थोड़ा सा गंगाजल मिला लें.

  • कलश में फूल, अक्षत, सिक्का और सुपारी डालें. ऊपर पांच आम के पत्ते लगाएं. इनके ऊपर धातु के बर्तन में धान भरकर रखें.

  • धान पर हल्दी से कमल फूल बनाएं और मां लक्ष्मी को बैठाकर आगे कुछ सिक्के रख दें.

  • कलश के सामने दक्षिण-पूर्व दिशा में दाईं ओर गणेशजी की मूर्ति रखें.

  • आप जो भी काम करते हैं, उससे संबंधित सामान या साधन पूजा स्थल पर रख दें.

  • पूजा शुरू करते हुए पानी हल्‍दी और कुमकुम अर्पित कर नीचे दिए गए मंत्र का उच्‍चारण करें

  • हाथों में फूल ले आंख बंद करें, मां लक्ष्‍मी का ध्‍यान कर फूल चढ़ाए.

  • गहरे बर्तन या थाली में लक्ष्‍मी प्रतिमा को पंचामृत (दही, दूध, शहद, घी और चीनी मिश्रण) से स्‍नान कराएं. इसके बाद पानी में आभूषण या मोती डालकर स्‍नान कराएं.

  • प्रतिमा को पोंछकर कलश के ऊपर बर्तन में रख दें. चाहें तो सिर्फ पंचामृत और पानी छिड़ककर भी स्‍नान करा सकते हैं.

  • अब मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा को चंदन, केसर, इत्र, हल्‍दी, कुमकुम, अबीर और गुलाल अर्पित करें.

  • मां की प्रतिमा पर फूलों का हार चढ़ाएं. बेल पत्र और, गेंदा फूल अर्पित कर धूप जलाएं.

  • अब मिठाई, नारियल, फल, खीले-बताशे अर्पित करें.

  • प्रतिमा पर धनिया और जीरे के बीज छिड़कें.

  • आप घर में जिस जगह पैसे, जेवर रखते हैं वहां पूजा कर मां लक्ष्‍मी का एकाग्र ध्यान करते हुए आरती उतार लें.

इन मंत्रों का जाप करें (Dhanteras Mantra)

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलिए प्रसीद-प्रसीद

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मिये नम:

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