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पंचायत चुनाव के पहले योजनाओं की समीक्षा करेंगी सीएम ममता बनर्जी, 26 अप्रैल को करेंगी प्रशासनिक बैठक

पश्चिम बंगाल सरकार अपने विभिन्न विभागों के योजनाओं के माध्यम से मनरेगा के कार्ड धारकों को नौकरी देने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री इस संबंध में भी विभागों से रिपोर्ट लेंगी. बैठक के बाद पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की जा सकती है.

पंचायत चुनाव के पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी विभागों के अंतर्गत चल रही योजनाओं की समीक्षा करने जा रही हैं. बताया गया है कि 26 अप्रैल को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी विभागों के मंत्रियों व सचिवों के साथ बैठक करेंगी. पंचायत चुनाव के पहले मुख्यमंत्री की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस बैठक के पहले राज्य सचिवालय ने सभी विभागों से उनके क्षेत्र में क्रियान्वित योजनाओं के संबंध में रिपोर्ट तलब की है. जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं पर विशेष ध्यान देंगी.

बैठक के नतीजे के आधार पर, मुख्यमंत्री उन क्षेत्रों को अंतिम रूप दे सकती हैं, जहां वह पंचायत चुनावों के प्रचार के दौरान जोर देंगी. सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान पथश्री जैसे मुद्दों को सबसे अधिक महत्व दिए जाने की संभावना है. यह विशेष परियोजना ग्रामीण चुनावों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी थी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत केंद्रीय धन के अभाव में नयी ग्रामीण सड़कें बनाने और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार द्वारा 3,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी थी. इस राशि से कुल 12,000 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जायेगा.

बताया गया है कि बैठक के दौरान मनरेगा को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है. चूंकि केंद्र ने वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए बंगाल के लिए मनरेगा के तहत फंड जारी करना बंद कर दिया, इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार अपने विभिन्न विभागों के योजनाओं के माध्यम से मनरेगा के कार्ड धारकों को नौकरी देने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री इस संबंध में भी विभागों से रिपोर्ट लेंगी. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक के बाद पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी की जा सकती है.

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बताया गया है कि दुआरे सरकार के दौरान आवेदन जमा करने की प्रक्रिया सोमवार तक समाप्त हो गयी है, लेकिन सेवाओं की डिलीवरी की समय सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ा दी गयी है. इसलिए माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना मई की शुरुआत तक जारी की जा सकती है. यदि मई के पहले सप्ताह में अधिसूचना जारी होती है, तो मई के अंत तक या जून के पहले सप्ताह में पंचायत चुनाव हो सकते हैं, क्योंकि नियम के अनुसार, अधिसूचना की घोषणा और मतदान के बीच 24 दिन का अंतर होना अनिवार्य है.

मुख्य सचिव ने दिया मई के दूसरे सप्ताह तक लंबित योजनाओं का काम पूरा करने का निर्देश
सभी जिलों के डीएम, एसडीओ व बीडीओ के साथ की बैठक

पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने राज्य के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को मई महीने के दूसरे सप्ताह तक लंबित योजनाओं का काम पूरा करने का निर्देश दिया है. बुधवार को मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने राज्य सचिवालय से सभी जिलों के डीएम, एसडीओ व बीडीओ के साथ वर्चुअल बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को उनके क्षेत्र में ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं का काम मई के दूसरे सप्ताह तक पूरा करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि राज्य में मई महीने के अंत या जून के प्रथम सप्ताह में पंचायत चुनाव हो सकते हैं. मुख्य सचिव ने बैठक में सीधे बैंक खाते में पैसा भेजने वाली सेवाओं को 20 अप्रैल तक पूरा करने का निर्देश दिया है. साथ ही बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि लक्ष्मी भंडार के खिलाफ सभी शिकायतों का शीघ्र निस्तारण किया जाये. खासकर दुआरे सरकार शिविर के दौरान लक्ष्मी भंडार को लेकर करीब तीन लाख शिकायतें दर्ज की गयी हैं. सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव ने बैठक में जिलाधिकारियों को शिकायतों के निस्तारण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि सोमवार को दुआरे सरकार शिविरों में आवेदन पत्र लेने का कार्य पूरा कर लिया गया है, अब सेवाएं देने का सिलसिला मंगलवार से शुरू हुआ है. राज्य सरकार ने पहले ही सेवाएं देने की समय सीमा को 20 अप्रैल से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी गयी है. उल्लेखनीय है कि एक से 10 अप्रैल तक लगाये गये शिविरों में 58.05 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे. बताया गया है कि दुआरे सरकार के छठे संस्करण में आवेदन जमा लेने के लिए 94,377 शिविर लगाये गये, जिनमें कुल 58,05,315 लोग पहुंचे थे. दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक 11.6 लाख, मुर्शिदाबाद में 7.36 लाख, नदिया में 4.72 लाख, उत्तर 24 परगना में चार लाख और पूर्व मेदिनीपुर में तीन लाख लोग शिविरों में पहुंचे थे.

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