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मदरसा में बम फटने के बाद दूसरे दिन भी गांव में पसरा सन्नाटा, हकीकत से पर्दा उठाने में जुटी पुलिस, गांव में कर रही कैंप

बांका सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत चमरेली नवटोलिया गांव स्थित मदरसा में मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे शक्तिशाली बम विस्फोट होने के बाद घटना के बाद से पुलिस गतिविधि लगातार जारी है. दूसरे दिन बुधवार को भागलपुर प्रक्षेत्र के डीआइजी सुजित कुमार ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जानकारी ली.डीआइजी ने बताया कि घटना में बम कहां से आया,विस्फोट कैसे हुआ,मृतक इमाम की भूमिका आदि को लेकर पुलिस का अनुसंधान जारी है.पुलिस की सभी विन्दुओं पर जांच चल रही है,पुलिस को भागलपुर के एफएसएल टीम के जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है.घटना का जल्द उद्भेदन कर दिया जायेगा.

बांका सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत चमरेली नवटोलिया गांव स्थित मदरसा में मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे शक्तिशाली बम विस्फोट होने के बाद घटना के बाद से पुलिस गतिविधि लगातार जारी है. दूसरे दिन बुधवार को भागलपुर प्रक्षेत्र के डीआइजी सुजित कुमार ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जानकारी ली.डीआइजी ने बताया कि घटना में बम कहां से आया,विस्फोट कैसे हुआ,मृतक इमाम की भूमिका आदि को लेकर पुलिस का अनुसंधान जारी है.पुलिस की सभी विन्दुओं पर जांच चल रही है,पुलिस को भागलपुर के एफएसएल टीम के जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है.घटना का जल्द उद्भेदन कर दिया जायेगा.

दूसरे दिन भी गांव में छाया रहा सन्नाटा

गांव में बम विस्फोट के दूसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा. गांव के पुरूष गायब है,महिलाएं घर से बाहर नहीं आ रही है,गांव में अजीब सी खामोशी छायी हुई है,मृतक इमाम की शव को पुलिस ने अन्तःपरीक्षण के बाद उनके गांव से आये परिजनों को सौंप दिया है.बम विस्फोट मामले में पुलिस के बयान पर अज्ञात विरूद्ध प्रथमिकी दर्ज की गयी है,लेकिन पुलिसिया अनुसंधान में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है.फिलवक्त मामला जस – तस बना हुआ है पडोसी गांव के ग्रामीणों की माने तो मजलिसपुर और नवटोलिया के ग्रामीणों के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर पहले भी बमबाजी की घटना हुई थी, आपसी रंजीश व वर्चस्व की लडाई में कहीं यहां यह बम रखा हुआ हो सकता है,जिसपर से पर्दा उठना अभी बांकी है. फिलवक्त पुलिस गांव में कैंप कर रही है.

घटना के समय मदरसा में नहीं हो रहा था पढ़ाई, नहीं तो होती बड़ी हादसा

गौरतलब है कि कोरोना महामारी को लेकर हुए लॉकडाउन के कारण मदरसा में पढ़ाई नहीं हो रहा था. सिर्फ इमाम अब्दुल मोविन ने ही मदरसा में रहकर मस्जिद में अजान आदि का कार्य करते थे. बताया जा रहा है कि मदरसा में गांव के दर्जनों बच्चें पढ़ाई के लिए आया करता था. गलिमत यही रहा कि घटना के दिन मदरसा में पढ़ाई के लिए बच्चा नहीं पहुंचा हुआ था. नहीं तो एक बड़ी हादसा हो सकती थी. क्योंकि जहां बम विस्फोट हुआ व इमाम का रुम था और रुम के बगल में ही इमाम बच्चें को पढ़ाया करते थे. वहीं इमाम के परिजनों ने बताया कि 2006 से ही उसने मदरसा में रहकर बच्चें को पढ़ाने का काम करता था. किसी कारण से बीच में कुछ माह के लिए वे घर चला गया. जिसके बाद गांव के ही फारुक, इदरीस व अहमद आदि ने उन्हें पुन: यहां बुलाया था.

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समय पर गांव के एक युवक ने मस्जिद में पढ़ा अजान

मंगलवार को बम विस्फोट होने के बाद इमाम की अनुपस्थिति में गांव के एक युवक ने दोपहर व शाम में मस्जिद पहुंचकर अपने धार्मिक परंपरा के अनुसार अजान पढ़ा था. हालांकि दोपहर में गांव के युवक को मस्जिद घुसता देखकर मौजूद पुलिस ने उसे रोका और उसके पास मौजूद मोबाइल आदि की जांच करते हुए पूछताछ की. लेकिन एसपी के निर्देश पर उक्त युवक को अजान के लिए मस्जिद जाने की अनुमति दी गयी. जिसके बाद युवक ने अजान को पूरा किया था.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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