Aadhaar Voter ID Linking: भारतीय निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने का फैसला लिया है. इस पहल का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना और फर्जी वोटिंग को रोकना है. संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत लिये गए इस निर्णय से चुनावी प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय होगी.
यदि आप अब तक अपने आधार कार्ड और वोटर आईडी को लिंक नहीं कर पाए हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं. आप 5 आसान तरीकों से यह काम कर सकते हैं – ऑनलाइन पोर्टल, मोबाइल ऐप, SMS, कॉल और ऑफलाइन आवेदन.
1. NVSP पोर्टल के जरिए आधार-वोटर आईडी लिंक करें
आप राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) पर जाकर अपने दस्तावेज लिंक कर सकते हैं:
NVSP वेबसाइट (www.nvsp.in) पर जाएं
फॉर्म 6B भरकर अपनी वोटर आईडी और आधार नंबर दर्ज करें
OTP के जरिए वेरिफिकेशन करें और फॉर्म सबमिट करें
आपका वोटर आईडी और आधार सफलतापूर्वक लिंक हो जाएगा.
2. वोटर हेल्पलाइन ऐप से घर बैठे करें लिंकिंग
मोबाइल ऐप से आधार और वोटर आईडी लिंक करने का तरीका:
अपने स्मार्टफोन में Voter Helpline App डाउनलोड करें
ऐप में लॉग इन/रजिस्टर करें और “Aadhaar Link” विकल्प पर जाएं
फॉर्म 6B भरें और आधार तथा वोटर आईडी की जानकारी दर्ज करें
सबमिट बटन दबाकर प्रॉसेस पूरा करें
3. SMS भेजकर करें आधार और वोटर आईडी लिंक
अगर आपके पास इंटरनेट नहीं है, तो SMS के जरिए भी लिंकिंग संभव है:
अपने फोन से 166 या 51969 पर SMS भेजें
संदेश का प्रारूप: EPIC <स्पेस> आधार नंबर
सफलतापूर्वक वेरिफिकेशन के बाद लिंकिंग हो जाएगी
4. कॉल करके करें लिंकिंग (Toll-Free नंबर से)
फोन कॉल के माध्यम से भी आप दोनों दस्तावेजों को जोड़ सकते हैं:
1950 नंबर पर कॉल करें (सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध)
प्रतिनिधि को अपना वोटर आईडी नंबर और आधार नंबर प्रदान करें
सत्यापन के बाद आपका आधार कार्ड और वोटर आईडी लिंक हो जाएगा
5. ऑफलाइन तरीके से आधार और वोटर आईडी लिंक करें
यदि आप डिजिटल तरीके से लिंक नहीं कर सकते, तो ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाएं:
निकटतम बीएलओ (Booth Level Officer) से संपर्क करें
फॉर्म 6B भरें और आधार कार्ड एवं वोटर आईडी की कॉपी जमा करें
अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद दोनों दस्तावेज लिंक हो जाएंगे
अगर आधार से वोटर आईडी लिंक नहीं कराते तो क्या होगा?
यदि कोई नागरिक अपने वोटर आईडी को आधार से लिंक करने से इनकार करता है, तो उन्हें कारण बताना होगा. चुनाव आयोग इस मामले पर समीक्षा कर सकता है. हालांकि, यह अभी स्वैच्छिक प्रक्रिया है, लेकिन भविष्य में इसे अनिवार्य किया जा सकता है.