केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि सेमीकंडक्टर जैसे महत्वपूर्ण सेक्टर को पूर्व की सरकारों ने या तो नजरअंदाज किया या इस सेक्टर के अवसर का लाभ उठाने में वे विफल रहीं. आईटी राज्यमंत्री यहां सेमीकाॅनइंडिया 2023 की प्रदर्शनी के उद्घाटन पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. प्रदर्शनी का शुभारंभ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने किया. केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर गांधीनगर में होने जा रहे सेमीकाॅनइंडिया 2023 समिट की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस सम्मेलन का उद्धाटन 28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी करेंगे .
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 70 साल से दुनिया में विभिन्न देश सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्राॅनिक्स के क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं, लेकिन हमारा देश इस क्षेत्र में या तो असफल रहा या हमने इसे नजरअंदाज किया. राज्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग सरकारों ने अलग-अलग तरीके से इस बहुत ही महत्वपूर्ण सेक्टर को एक तरह से नजरंदाज किया या वो इसमें असफल रहे. उन्होंने कहा, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह का प्रयास किया गया है जिससे बीते 15 महीने में इतनी प्रगति हुई है जितनी पिछले 70 साल में देखने को नहीं मिली थी.
केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, सेमीकाॅनइंडिया हमारे देश की टेक्नोनाॅजी के वार्षिक कैलेंडर में महत्वपूर्ण इवेंट है. 15 महीने पहले 2022 में भारत का पहला सेमीकाॅन इंडिया इवेंट बेंगलुरु में हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिसंबर 2021 में देश के सामने भारत को सेमीकंक्टर राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप सेमीकाॅन इंडिया से पहले ही यहां फ्यूचर डिजाइन का पहला रोडशो किया था. उन्होंने बताया कि इस सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में डिजाइन इनोवेशन, रिसर्च, टैलेंट, पैकेजिंग और फैब एवं इनसे जुड़े सप्लाई चेन को खड़ा करने की कोशिश की जा रही है.
सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम तैयार करने के इस प्रयास में गुजरात सरकार की साझेदारी की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रदर्शनी से छात्रों एवं युवाओं को काफी कुछ सीखने का मौका मिलेगा. प्रदर्शनी में माइक्राॅन, अप्लायड मैटेरिल्स, लैम रिसर्च, इंटेल जैसी कंपनियों के अलावा आईआईटी मुंबई, आईआईएससी बेंगलुरु जैसे संस्थानों ने हिस्सा लिया है.