कोलकाता/नयी दिल्ली : बंगाल चुनाव 2021 से पहले राज्य के एक दर्जन से अधिक विधायकों और सांसदों को केंद्र की ओर से वीआईपी सुरक्षा दी गयी है. इनमें से अधिकतर नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘खतरा आकलन’ रिपोर्ट के आधार पर और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर दलबदल करने वाले नेताओं को सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि संबंधित सभी नेताओं को बंगाल के भीतर आवागमन के दौरान केंद्र की ओर से ‘एक्स’ और ‘वाई’ श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को सौंपा गया है.
सीआईएसएफ के पास अति विशिष्ट लोगों (वीआईपी) को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल तथा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जैसी हस्तियों को सुरक्षा उपलब्ध कराता है.
सूत्रों ने बताया कि बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेताओं को उपलब्ध कराये गये सुरक्षा प्रबंध अस्थायी हैं तथा चुनावी गतिविधियां पूरी हो जाने पर सुरक्षा कवर की समीक्षा की जायेगी.
बंगाल के इन सांसदों, विधायकों को मिली वीआईपी सुरक्षा
पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होना है. बंगाल में जिन नेताओं को सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है, उनमें माकपा विधायक अशोक डिंडा, तृणमूल कांग्रेस विधायक बांसरी मैती, कांग्रेस विधायक सुदीप मुखर्जी, तृणमूल विधायक दीपाली विश्वास, तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया, तृणमूल विधायक सैकत पांजा, माकपा विधायक तापसी मंडल, तृणमूल विधायक विश्वजीत कुंडू और तृणमूल विधायक शीलभद्र दत्ता शामिल हैं. ये सभी विधायक हाल ही में अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं.
भाजपा नेताओं को भी मिली केंद्रीय सुरक्षा
भाजपा के लोकसभा सदस्य कुनार हेम्ब्रम (झारग्राम), सुभास सरकार (बांकुड़ा) और जगन्नाथ सरकार (राणाघाट) तथा पार्टी नेता एवं प्रदेश समिति के सदस्य कृष्णेंदु मुखर्जी को भी केंद्रीय सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने कहा कि सांसदों और कृष्णेंदु मुखर्जी को खतरे का आकलन करने के बाद केंद्रीय वीआईपी सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है.
Posted By : Mithilesh Jha