प्रतिनिधि, हल्दिया
पूर्व मेदिनीपुर में टोटो के अनियंत्रित संचालन और छह वर्षों से बस किराया न बढ़ने से कम दूरी वाली बस सेवा धीरे-धीरे बंद होती जा रही है, जबकि लंबी दूरी की वातानुकूलित बसों में यात्रियों की कमी नहीं है, लेकिन लोकल रूट की बसें घाटे में चल रही हैं. जानकारी के अनुसार 2018 के 11 जून को आखिरी बार बस किराया बढ़ाया गया था.
तब से अब तक ईंधन, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव का खर्च कई गुना बढ़ चुका है, लेकिन किराया वही पुराना है. दूसरी ओर, टोटो सस्ते किराये पर यात्रियों को सेवा दे रहे हैं. इससे बसों के छोटे रूटों पर यात्रियों की संख्या में भारी कमी आयी है. पूर्व मेदिनीपुर में करीब 1,200 बसों का पंजीकरण है, जिनमें इस समय केवल 900 बसें 76 रूटों पर चल रही हैं. इनमें लगभग 250 वातानुकूलित लंबी दूरी की बसें शामिल हैं.
बस मालिकों का कहना है कि आय कम होने और खर्च बढ़ने से कई रूटों की सेवाएं बंद करनी पड़ी हैं. बस मालिक सुबीर दास ने कहा, “टोटो हर सड़क पर चल रहे हैं. उनका खर्च बहुत कम है, इसलिए वे सस्ते में यात्रियों को सुविधा दे पा रहे हैं. सरकार अगर किराया नहीं बढ़ायेगी और सड़कें नहीं सुधारेगी, तो बस सेवा समाप्त हो जायेगी.” बस मालिकों की यूनियनों ने टोटो नियंत्रण और किराया संशोधन की मांग राज्य परिवहन विभाग से की है. वहीं आरटीओ सजल कुमार मंडल ने बताया कि जिले में करीब 35 हजार टोटो हैं. इनमें से सात हजार ने पंजीकरण के लिए आवेदन किया है. नवंबर तक प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. बस मालिकों को उम्मीद है कि टोटो पर नियंत्रण और किराया बढ़ने से बस सेवा फिर से पटरी पर लौट आयेगी.
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