संवाददाता, कोलकाता
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को भारतीय संग्रहालय से राजभवन तक ‘वंदे मातरम मार्च’ का नेतृत्व किया. श्री बोस कुछ स्कूली छात्रों के साथ एक खुली छत वाली सफेद कार में सवार थे, जबकि विभिन्न वर्गों और आयु वर्ग के लोग पैदल ही इस मार्च में शामिल हुए, जिसके तहत दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की गयी. इस मार्च का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से संचालित भारतीय संग्रहालय ने किया, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र का सबसे बड़ा बहुउद्देशीय संग्रहालय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात नवंबर को राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव की शुरुआत की थी. सात नवंबर 2026 तक चलने वाला यह स्मरणोत्सव उस कालातीत रचना के 150 साल पूरे होने का जश्न मनाता है, जिसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और राष्ट्रीय गौरव तथा एकता के भाव को जागृत करता आया है. बंकिम चंद्र चटर्जी ने सात नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के अवसर पर ‘वंदे मातरम’ गीत की रचना की थी. यह गीत पहली बार साहित्यिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में चटर्जी के उपन्यास ‘आनंदमठ’ के एक हिस्से के रूप में प्रकाशित हुआ था.
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