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13 राज्यों के लिए मोस्ट वांटेड अपराधी केरल से अरेस्ट

पिछले पांच वर्षों से 13 राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना ठगी व चोरी जैसी वारदातों को अंजाम देनेवाले एक मोस्ट वांटेड अपराधी को आखिरकार विधाननगर की पुलिस ने केरल से गिरफ्तार कर लिया.

विधाननगर पुलिस ने की कार्रवाई, पांच वर्षों से थी शातिर की तलाश

संवाददाता, कोलकाता

पिछले पांच वर्षों से 13 राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना ठगी व चोरी जैसी वारदातों को अंजाम देनेवाले एक मोस्ट वांटेड अपराधी को आखिरकार विधाननगर की पुलिस ने केरल से गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से दर्जनों फर्जी आधार कार्ड, 80 से अधिक सिम कार्ड व कई डिजिटल साक्ष्य बरामद किये गये हैं. उसका नाम अजय के उर्फ कुरापति अजय है. वह मूल रूप से कर्नाटक के बेंगलुरु का रहने वाला है. सोमवार को विधाननगर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, 29 जुलाई, 2025 को विधाननगर पूर्व थाने में एक शिकायत दर्ज हुई थी. शिकायतकर्ता बिहार के निवासी विनय कुमार ने दर्ज करायी थी कि वह सॉल्टलेक में किसी काम से एक गेस्ट हाउस में आकर ठहरे थे. उसी दौरान उनका वॉलेट, मोबाइल और लैपटॉप चोरी हो गया. इस मामले की जांच में जुटी पुलिस को पता चला कि उनके वॉलेट में क्रेडिट कार्ड थे, जिससे करीब साढ़े पांच लाख का गोल्ड व कीमती आइफोन खरीदा गया है. साथ ही 15 हजार रुपये किसी दूसरे के अकाउंट में ट्रांसफर किये गये हैं. जांच में पुलिस को पता चला कि इस तरह की घटना देश के कई राज्यों में हुई है. मोबाइल, लैपटॉप, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड चोरी करने के बाद उससे रुपये निकाल कर या अन्य सामान खरीद कर वापस पीड़ित को उसके कार्ड वापस भेज दिये गये हैं. विनय कुमार का भी कार्ड वापस लौटा दिया गया था, जिसे पोस्ट के जरिये भेजा गया था. लगभग पांच वर्षों में देश के 13 राज्यों में इसी तरह की कई घटनाएं हुई थीं. फिर पुलिस ने गहन जांच कर तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आरोपी का पता लगाया और उसे गिरफ्तार किया गया.

आरोपी के खिलाफ 13 से अधिक मामले दर्ज

जांच में पता चला है कि देशभर में आरोपी ने दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया है. उसके खिलाफ 13 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं. वारदात को अंजाम देने में 100 से अधिक सिम का इस्तेमाल किया था. हर वारदात से पहले वह नया मोबाइल और नया सिम लेता, फर्जी दस्तावेज के सहारे दूसरे नाम पर सिम लेता, फिर उससे नया ईमेल बनाता. होटल बुक करता और फिर वहां जाकर किसी से परिचय करके उसका मोबाइल, लैपटॉप, डेबिट कार्ड की चोरी कर फरार हो जाता. कहीं रवींद्र, तो कभी शाही कृष्णा ऐसे हर बार नाम बदल कर दस्तावेज बनाकर वारदात को अंजाम दिया करता था. कभी पता राजस्थान, तो कभी उतराखंड का दिखाया करता था.

2016 से घर छोड़ा चुका था आरोपी

आरोपी बेंगलुरु का रहने वाला है. वह पहले छोटी-छोटी वारदातों को अंजाम दिया करता था. इससे उसके घरवाले परेशान हो गये थे. पुलिस उसके घर भी गयी थी. पुलिस को पता चला कि अब उसका अपने माता-पिता से कोई नाता नहीं रहा. जैसे ही उसका बेटा अपराध की दुनिया में आया, उसके अभिभावक उसे छोड़ कर चले गये. इसलिए आरोपी घर छोड़कर अलग-अलग राज्यों में भटक रहा था. 2021 से पूरी तरह से एक्टिव होकर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगा.

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