संवाददाता, कोलकाता
छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (केएमडीए) ने महानगर के दो विशाल जलाशयों रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर के सभी द्वार 26 अक्तूबर से तीन दिनों के लिए बंद करने के आदेश दिये हैं. केएमडीए के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि छठ पूजा के कारण दोनों जलाशयों में लोगों का प्रवेश 26 अक्तूबर की सुबह 10 बजे से 28 अक्तूबर की शाम सात बजे तक बंद रहेंगे.उन्होंने कहा, राष्ट्रीय झील रवींद्र सरोवर के सभी 12 द्वार और सुभाष सरोवर के आठ द्वार बंद रहेंगे तथा द्वारों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. ””लेक मॉर्निंग वॉकर्स’ गिल्ड के संयोजक और पर्यावरणविद् एसएम घोष ने कहा, चूंकि रवींद्र सरोवर पहले से ही भारी धातुओं के घुलने के कारण प्रदूषित है इसलिए झील को और अधिक दूषित होने से बचाने के लिए केएमडीए ने तीन दिन तक सभी द्वार बंद करने का फैसला किया है. हालांकि, सुबह की सैर करने वालों को लगता है कि यह प्रतिबंध की अवधि काफी अधिक है जबकि इसके लिए डेढ़ दिन का समय पर्याप्त था. उन्होंने कहा बेहतर होता कि केएमडीए अधिकतम दो दिन यानी 27 अक्तूबर को पूरा दिन और 28 अक्तूबर को दोपहर 12 बजे तक प्रतिबंध की घोषणा करता. श्री घोष ने कहा कि निर्धारित अवधि के दौरान राष्ट्रीय झील परिसर में स्थित किसी भी क्लब को नोटिस में कोई ढील नहीं मिलनी चाहिए.
छठ को लेकर किया गया है बंद
रवींद्र सरोवर परिसर के छह क्लब 26 अक्तूबर को शाम चार बजे से 28 अक्टूबर की दोपहर तक बंद रहेंगे. छठ पूजा तक चार दिनों तक मनायी जाती है. अंतिम दो दिन ‘संध्या अर्घ्य’ और ‘उषा अर्घ्य’ दिया जाता है. ऐसे में श्रद्धालु 27 अक्टूबर को नदी, तालाब, जलाशयों के पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे, जबकि 28 अक्तूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूजा का समापन हो जायेगा.
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