केंद्रीय कोयला व खान मंत्री बोले- अगले 3-4 साल में लिथियम की मांग आंतरिक रूप से पूरा करने में सक्षम होगा भारत
संवाददाता, कोलकाताकेंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि देश के महत्वपूर्ण खनिज मिशन के लिए 32,000 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी मिल गयी है. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के 175 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कोलकाता में आयोजित समारोह में श्री रेड्डी ने कहा कि जीएसआइ राष्ट्रीय खनिज मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे भारत को 2047 तक खनिज अन्वेषण में शीर्ष स्थान हासिल करने में मदद मिलेगी, ताकि ‘विकसित भारत’ के मिशन को साकार किया जा सके. वहीं, समारोह के इतर संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री श्री रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन का उद्देश्य लिथियम जैसे खनिजों के खनन को बढ़ावा देना है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि भारत तीन-चार साल में लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मांग को देश के भीतर ही पूरा करने में सक्षम होगा. उन्होंने कहा कि हमें मोबाइल फोन की बैटरी और सौर पैनलों के लिए लिथियम की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि अगले तीन-चार वर्षों में हम देश के भीतर से लिथियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मांग को पूरा कर सकेंगे और यह काफी मददगार होगा. श्री रेड्डी ने आगे कहा कि जीएसआइ लातिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना के साथ मिलकर पांच लिथियम ब्लॉक पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि 1851 में स्थापना के बाद से, जब जीएसआइ को कोयला भंडार की खोज के लिए अंग्रेजों द्वारा स्थापित किया गया था, इसने एक लंबा सफर तय किया है. विभिन्न प्रकार के खनिजों और प्राकृतिक गैस की खोज की है. उन्होंने कहा कि केवल खनिजों की खोज ही नहीं, बल्कि जीएसआइ ने बांध निर्माण, सुरंग निर्माण, और आपदा की तैयारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

