कोलकाता.
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने पिछले वर्ष नौ दिसंबर को बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की थी. इसके लिए ट्रस्ट बनाने की बात भी कही थी. बाबरी मस्जिद ट्रस्ट गठन करने के लिए उन्होंने आवेदन किया था. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले ही सभी राज्यों को बता दिया था कि बाबरी मस्जिद नाम से किसी ट्रस्ट का गठन नहीं किया जा सकता है. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद अब वह ट्रस्ट का नाम बदलने पर विचार कर रहे हैं. सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए विधायक हुमायूं कबीर ने कहा कि बाबरी मसजिद ट्रस्ट के पंजीकरण के लिए डेढ़ महीने पहले आवेदन किया था. दफ्तर की तरफ से अवगत कराया गया है कि बाबरी मस्जिद के नाम से किसी ट्रस्ट को अनुमोदन नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट रहेगा, जो पदाधिकारी हैं, वह रहेंगे, लेकिन नाम बदल दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की कार्यकारिणी में नौ सदस्य रहेंगे. नया नाम देने पर सात दिनों में पंजीकरण मिल जायेगा. उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि ट्रस्ट का नाम भले ही वह बदल देंगे, लेकिन मस्जिद का नाम नहीं बदलेंगे. इस वर्ष छह दिसंबर को मस्जिद की आधारशिला रखी जायेगी. वहां जो बोर्ड लगेगा, उस पर बाबरी मस्जिद ही लिखा रहेगा. तीन से पांच वर्षों में मस्जिद बन कर तैयार हो जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है