जीतेश बोरकर, खड़गपुर
मेदिनीपुर के पूर्व सांसद व भाजपा नेता दिलीप के बंगले को लेकर सियासत गर्म है. इस बीच घोष के बुलडोजर वाले बयान ने खड़गपुर शहर तृणमूल कांग्रेस के एक गुट में खलबली मचा दी है. बता दें कि स्थानीय तृणमूल नेता व पूर्व पार्षद देवाशीष चौधरी ने दिलीप घोष के बंगले को लेकर आरटीआइ के जरिए स्थानीय रेल प्रशासन से जानकारी मांगी थी. जवाब में रेल प्रशासन ने बताया है कि उक्त बंगला (जिसमें दिलीप घोष रह रहे हैं) फिलहाल किसी के नाम पर आवंटित नहीं है. इसके बाद देवाशीष ने प्रेसवार्ता कर दिलीप पर अवैध रूप से रेलवे के बंगले पर कब्जा करने का आरोप लगाया. इस पर दिलीप घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि खड़गपुर में रेलवे की जमीन पर तृणमूल के जितने भी कार्यालय अवैध रूप से बनाये गये हैं, उस पर जल्द ही बुलडोजर चलाया जायेगा. घोष के उक्त बयान के बाद खड़गपुर तृणमूल के एक गुट में खलबली मच गयी है.बता दें कि खड़गपुर शहर में रेलवे की जमीन पर तृणमूल नेता व खड़गपुर शहर के पूर्व विधायक प्रदीप सरकार, पार्षद ए पूजा नायडू ,पार्षद बोंता मुरली, पूर्व पार्षद वेकेंट रमना, पार्षद रोहन दास और भाजपा पार्षद अनुश्री बेहरा और पार्षद नागेश के पार्टी कार्यालय हैं. वहीं तृणमूल पार्षद प्रदीप सरकार का कहना है कि हमें वार्ड के लोगों को कई तरह के सर्टिफिकेट देने पड़ते हैं. इसलिए पार्टी कार्यालय की जरूरत पड़ती है. जिस तरह रेलवे ने दिलीप घोष को बंगला दिया है, उसी तरह पार्षदों को भी दे दे. फिर तृणमूल को पार्टी कार्यालय बनाने की जरूरत ही नहीं पडे़गी. दिलीप को अगर बुलडोजर ही चलाना है, तो इसका शुभारंभ न्यू सेटलमेंट इलाके में स्थित भाजपा नेता डी तारकेश्वर राव उर्फ श्रीराव और भाजपा पार्षदों के कार्यालय से करे.
उधर, वाममोर्चा और कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खड़गपुर शहर में फिलहाल तृणमूल के तीन गुट हैं. एक गुट दिलीप घोष के कंधे पर बंदूक रखकर दूसरे गुट को सबक सिखाने और वर्चस्व खत्म करने के फिराक में है. दिलीप घोष और प्रदीप सरकार जो बयानबाजी कर रहे हैं, वो दरअसल एक-दूसरे को डिफेंस करते हुए सेफ जोन में रहने की कोशिश कर रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है