फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट जा सकती है राज्य सरकार
संवाददाता, कोलकाताएनजीटी की पूर्वांचल बेंच ने दीघा का आकर्षक ढेऊ सागर मनोरंजन पार्क को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है. बेंच का कहना है कि पार्क का निर्माण करते समय कोस्टर रेगुलेशन जोन या सीआरजेड कानून का उल्लंघन किया गया है. इस वजह से मंदारमणि के कई होटलों को भी तोड़ने का निर्देश दिया गया था. एनजीटी ने सुप्रीम कोर्ट के तीन निर्देशों का उल्लेख किया है. तीनों ही मामले में पंचायत या नगरपालिका अधिकारी ने कानून का उल्लंघन कर निर्माण की अनुमति दी थी. एनजीटी ने राज्य सरकार को कहा है कि अगले तीन महीने में ढेऊ सागर को पुरानी अवस्था में लौटा देना होगा. राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ उच्च अदालत जायेगी. इस पार्क को बनाने में पर्यावरण के नियमों का पालन नहीं किया गया है, इसे लेकर पर्यावरण कर्मी सुभाष दत्त ने एनजीटी में मामला दर्ज कराया था. 2019 में बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट के मौके पर दीघा के समुद्र किनारे यात्रानाला में इस मनोरंजन पार्क को बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी. इसका नाम उन्होंने ही ढेऊ सागर दिया था. कोरोना के बाद इसका काम शुरू हुआ. इस पार्क में मनोरंजन के लिए कई साधन मौजूद है. यह पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है. इसका निर्माण दीघा शंकरपुर विकास परिषद की ओर से किया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

