कोलकाता : घर में कोई आदमी नहीं है, जहां-तहां घर में अपने आप आग लग रही है. कमरे में झूल रहे कपड़ों में अचानक आग लग जा रही है. कभी बिस्तर के चादर, खिड़की के परदे, तकिया, तो कभी सूटकेश व बैग में आग पकड़ ले रही है. पानी डालने पर आग बुझ जा रही है. रविवार से सुबह-शाम यह घटना बारानगर के सुभाषनगर के दास परिवार में घट रही है.
चार दिनों से रह-रह कर अचानक कमरे में लग रही आग से दास परिवार के लोगों की नींद उड़ गयी है. सभी लोगों में आतंक है. घटना की सूचना बारानगर और दमकल को दी गयी. मामले की जांच के बाद पुलिस भी आग लगने के कारणों के बारे में अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी है. दमकल विभाग के लोगों ने भी मकान में जाकर आग लगने के कारण के बारे में जांच की. मकान मालिक शंकर दास ने बताया कि अब तक आग लगने की घटना को बंद करने के लिए वह 25 हजार रुपये से ज्यादा खर्च कर चुके हैं.
दो-दो तांत्रिकों को घर दिखा चुके हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है. दूसरी ओर घर की बहू डालिया दास ने बताया कि वह अपने छोटी बच्ची को लेकर आतंक से सो नहीं पा रही है. स्थानीय लोगों ने घटना के पीछे प्रेत आत्मा की आशंका जतायी है. दूसरी ओर विज्ञान मंच के लोगों ने शुक्रवार को शंकर दास के मकान में जाकर घटना की जांच की. शुक्रवार को दिन भर आग लगने की कोई घटना नहीं घटी. विज्ञान मंच के सह सचिव सौरभ चक्रवर्ती ने घटना को प्रेतात्मा व अलौकिक मानने से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि परिवार के लोगों को आतंकित करने के लिए साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि घर में किसी के नहीं रहने पर आग नहीं लग रही है. घर के लोगों के रहने पर ही आग लग रही है. उन्होंने बताया कि आतंकित कर घर के लोगों को घर छुड़ाने के लिए केमिकल की मदद से आग लगायी जा रही है.