कोलकाता: 21 जुलाई, 1994 गोलीकांड की जांच के लिए गठित सुशांत चट्टोपाध्याय आयोग के सामने वाममोरचा के अध्यक्ष विमान बसु की उपस्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ है.
कमीशन ने 27 नवंबर को साक्ष्य देने के श्री बसु को तलब किया था, लेकिन दिल्ली जाने के कारण श्री बसु कमीशन के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाये थे, लेकिन उन्होंने कमीशन को पत्र लिख कर सूचित किया था कि वह कमीशन की जांच में हर संभव सहयोग करेंगे. इसके बाद कमीशन ने श्री बसु को 27 नवंबर को श्री बसु को तलब किया है, ताकि उनके साथ पूछताछ की जा सके. इस संबंध में सोमवार को यह पूछे जाने पर कि क्या वह आयोग के समक्ष उपस्थित होंगे और साक्ष्य देंगे, श्री बसु ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वह जायेंगे और यह भी नहीं कहा कि वह नहीं जायेंगे. श्री बसु के बयान से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि माकपा श्री बसु की उपस्थिति लेकर असमंजस है. 21 जुलाई, 1994 गोलीकांड के समय ज्योति बसु मुख्यमंत्री थे. ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुए आंदोलन के दौरान गोलीकांड में कई कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी. यदि श्री बसु आयोग के समक्ष उपस्थित होते हैं तो उनके बयान से विवाद हो सकता है. वह न तो गोलीकांड को जायज ठहरा सकते हैं और नहीं खारिज कर सकते हैं,क्योंकि इससे उस समय की सरकार की किरकिरी ही होगी.
आधार कार्ड जारी करने में पारदर्शिता का अभाव
श्री बसु ने कहा कि आधार कार्ड के क्रियान्वयन में पारदर्शिता के अभाव से आम लोगों को मिलने वाली सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. इसके लिये उन्होंने केंद्र की संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराया. श्री बसु ने कहा : आधार कार्ड जारी करने में जो स्पष्टता का अभाव है, उसे हटाया जाना चाहिए क्योंकि इससे लोग प्रभावित हो रहे हैं. पारदर्शिता के अभाव के कारण लोगों को मिलने वाली सार्वजनिक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ने से लोग प्रभावित होंगे, क्योंकि इसकी सुविधाएं हासिल करने के लिए गांव में कई गरीब लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं.