हावड़ा: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में एक रेलकर्मी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सोमवार को लिलुआ रेलवे अस्पताल में फरजी तरीके से पांच कथित परीक्षार्थियों का मेडिकल कराया जा रहा था. इसी दौरान रेल कर्मचारी देवकुमार गड़गड़ी (59) के साथ उदय चटर्जी (57) नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया. देवकुमार लिलुआ वर्कशॉप में कार्यरत है, जबकि उदय एजेंट के तौर पर काम करता है.
वह चदंननगर का निवासी बताया गया है. दोनों के पास से रेलवे के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं. इनकी सत्यता की जांच की जा रही है. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के इंस्पेक्टर प्रियरंजन कुमार, हावड़ा मंडल सीआइबी के इंस्पेक्टर एके सिंह, सब इंस्पेक्टर कुलभूषण सिंह, कांस्टेबल रंजीत विश्वास, कांस्टेबल जी साव और कांस्टेबल यूके पांडा की टीम ने छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार किया.
कथित परीक्षा के लिए बुलाये गये लोगों में मृणाल बर्मन, सौम्यजीत माइति, सुभाशीष सिन्हा, गणेश चंद्र पारिया और नारायण मंडल शामिल हैं. ये लोग उत्तर बंगाल के बांकुड़ा के रहने वाले हैं. मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को पांच कथित परीक्षार्थियों को मेडिकल के लिए लिलुआ वर्कशॉप स्थित अस्पताल बुलाया गया था. इसकी भनक आरपीएफ व सीआइबी को लग गयी. इसके बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रियरंजन कुमार व सीआइबी इंस्पेक्टर एके सिंह के नेतृत्व में छापामारी अभियान चलाया गया. अस्पताल में चिकित्सक बन परीक्षार्थियों का मेडिकल कर रहा रेल कर्मचारी देवकुमार व उसके साथ कंपाउंडर बने उदय को रंगे हाथों आरपीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में परीक्षार्थियों ने बताया कि उनसे रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये मांगे गये थे. सभी से 10-10 हजार रुपये पहले ही ले लिये गये हैं. मेडिकल के बाद ढाई-ढाई लाख रुपये देने को कहा गया था. आरपीएफ सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं. माना जा रहा है कि एक बड़ा गिरोह इसके पीछे काम कर रहा है. गिरफ्तार आरोपियों से इस फरजीवाड़े के संबंध में गहन पूछताछ की जा रही है.