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राज चलाने में नेतृत्व करते रहे हैं ब्राह्नाण : राजा

कोलकाता: उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण निर्माण निगम के अध्यक्ष व राज्यमंत्री राजा चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्नाण ही एक ऐसा वर्ग हैं जो प्राचीन काल से अब तक राज चलाने में नेतृत्व करते रहे हैं. भारतवर्ष में ऐसा कोई राज व राजा नहीं हुआ, जिसके राज दरबार में ब्राह्नाण के स्थान पर किसी […]

कोलकाता: उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण निर्माण निगम के अध्यक्ष व राज्यमंत्री राजा चतुर्वेदी ने कहा कि ब्राह्नाण ही एक ऐसा वर्ग हैं जो प्राचीन काल से अब तक राज चलाने में नेतृत्व करते रहे हैं. भारतवर्ष में ऐसा कोई राज व राजा नहीं हुआ, जिसके राज दरबार में ब्राह्नाण के स्थान पर किसी और को राज चलाने व राज्य की दशा व दिशा को नियंत्रित करने का काम दिया गया हो. यहां तक की भारत की आजादी का नेतृत्व भी ब्राह्नाण ने ही किया है.

आदिकाल में आर्य भूमि पर जब राजा महाराजाओं का राज था, तब उनके राज चलाने का नेतृत्व ब्राह्नाण ही करता रहा है. हरेक राजा के दरबार में एक ऐसा ब्राह्नाण होता, जो राजगुरु के रूप में जाना जाता था और राजा उसी ब्राह्नाण की सूझ-बूझ व सुझाव पर राज चलाता था. यहां तक कि मुस्लिम राजाओं के दरबार में ब्राह्नाण एक महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं.

राज की दशा व दिशा दोनों की देखरेख की जिम्मेदारी ब्राह्नाण पर ही होती थी. समाज में ब्राह्नाण ही एक ऐसा वर्ग है, जिसके पास राज की दशा व दिशा को नियंत्रण करने की क्षमता है. कोलकाता आगमन के दौरान परशुराम जयंती शोभायात्र में शामिल होने के दौरान राजा चतुर्वेदी ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहा कि ब्राह्नाणों ने हमेशा से समाज के कल्याण में अपना बलिदान दिया है.

देवाताओं की रक्षा के लिए ऋषि दधीचि ने जहां अपना बलिदान दिया, वहीं भारत की रक्षा व आजादी की बिगुल बजानेवाले अमर शहीद मंगल पांडेय ने अपना बलिदान दिया. आज ब्राह्नाण अपनी क्षमता को भूल रहे हैं. आवश्यकता है कि हम ब्राह्मण अपनी क्षमता को एक बार फिर पहचाने व वर्तमान भारत के दशा व दिशा को सुधारने के साथ समाज के नेता के रूप में सुधार के काम करें.

यूपी में स्थिति अच्छी
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि आज यूपी की बात करें तो यहां ब्राह्नाणों की स्थिति पहले की तुलना में काफी बेहतर है. युवा हृदय सम्राट व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राज्य में ब्राह्नाणों के हित के साथ अन्य समाज के हितों की लड़ाई कर राज्य को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. यूपी का ब्राह्नाण वर्ग मुख्यमंत्री के साथ है. हिन्दुत्व व ब्राह्नाणवाद का ढोल पीटने वाले लोगों को समझ में आ गया है कि वास्तव में हिन्दुत्व व ब्राह्नाणों के हितैषी कौन हैं. इसलिए आने वाले दिनों में मुलायम सिंह यादव को हमें अपनी लड़ाई लड़ने वाले योद्धा के रूप में दिल्ली भेजने की आवश्यकता है.

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