तृणमूल संचालित छात्र संसद के महासचिव के नेतृत्व पर तो कभी कॉलेज के यूनिट अध्यक्ष के नेतृत्व में आंदोलन किया जा रहा है. इस घटना के चलते एक ओर जहां तृणमूल छात्र परिषद के गुटबाजी का मामला सार्वजनिक हो गया, वहीं दूसरी ओर पार्टी के जिला स्तरीय नेताओं ने साफ कह दिया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त हिदायत दी है कि किसी भी शिक्षण संस्थान का घेराव कर आंदोलन को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. मुख्यमंत्री की बातों को नहीं मान कर आंदोलन किया जा रहा है.
जिसका समर्थन तृणमूल कांग्रेस नहीं करती है. कॉलेज संचालन कमेटी के अध्यक्ष विजय चंद्र वर्मन तथा प्रदेश तृणमूल कांग्रेस के सचिव कल्याण चक्रवर्ती ने बताया कि मीडिया के माध्यम से कॉलेज में चल रहे आंदोलन की खबर उन्हें मिली है, लेकिन कॉलेज के प्राचार्य ने मौखिक व लिखित रूप से कोई जानकारी नहीं दी हैं. उन्होंने कहा कि किसी सूरत में इस तरह के आंदोलन का समर्थन नहीं किया जायेगा. कौन लोग इस तरह का आंदोलन कर रहा है, यह जानने के बाद छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष को व्यवस्था लेने के लिए कहा जायेगा. कॉलेज के प्राचार्य धिरज कुमार बसाक ने बताया कि कॉलेज में आंदोलन रोज की बात हो गयी है.
छात्र-छात्राओं की मांगों को इस वक्त पूरा करना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि आंदोलन के बारे में एडमिशन कमेटी के साथ बातचीत कर कॉलेज संचालन कमेटी को अवगत कराया जायेगा. घेराव आंदोलन के बारे में छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष अभिजीत सिन्हा ने बताया कि कॉलेज यूनिट अध्यक्ष को अगले तीन दिनों के अंदर इस बारे में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद ही आवश्यक कदम उठाया जायेगा. दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के जिला युवा अध्यक्ष सैकत चटर्जी ने बताया कि छात्र संगठन के श्रृंखला रक्षा का दायित्व संगठन के अध्यक्ष का है. इसके साथ युवा संगठन का कोई लेना-देना नहीं है. कॉलेज यूनिट के अध्यक्ष विशाल साहा ने बताया कि आज कॉलेज में छात्र भरती व सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा गया है.