कोलकाता: मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चिट फंड मामले के लिए पूर्व वाम मोरचा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाये.
गुरुवार को श्यामबाजार पांच माथा मोड़ के निकट तृणमूल की ओर से आयोजित एक जनसभा में सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य में सभी चिट फंड कंपनियों का जन्म वाम मोरचा सरकार के शासनकाल में हुआ. सारधा मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चिट फंड कंपनियों के खिलाफ कानून बनाने के बाद वह जनता के सामने आयी हैं. तृणमूल सरकार कथनी नहीं, बल्कि करनी में विश्वास रखती है.
आरोपी नेताओं के खिलाफ जांच
सुश्री बनर्जी ने कहा कि सारधा मामले में तृणमूलके कुछ नेताओं पर आरोप लगे हैं. इसकी निष्पक्ष जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि यदि बाजार से एक किलो मिर्च खरीदी जाती है, तो उनमें से कुछ खराब हो सकती है. लेकिन पूरी मिर्च को खराब कहना गलत होगा. घोटाले में यदि किसी तृणमूल नेता के शामिल होने की बात साबित होती है, तो उसके खिलाफ पार्टी स्तर पर कार्रवाई की जायेगी.
गौतम का दावा झूठा
माकपा नेता गौतम देव द्वारा उनके भतीजे की कंपनी को लेकर उठाये सवाल को खारिज करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि तृणमूल सरकार के सत्ता में आने के बाद विपक्ष द्वारा लगातार झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं. यदि विपक्ष के पास सबूत है, तो सामने रखे. अदालत में कानूनी लड़ाई लड़े. तृणमूल पीछे नहीं हटेगी.