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देश में ही बनेंगे बुलेट ट्रेन के कल-पुर्जे

कोलकाता : रक्षा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीइएमएल बुलेट ट्रेन के कल-पुर्जों के स्वदेश में विनिर्माण को लेकर गंभीर हैं. इसके लिये उसने जापान की कंपनी हिताची के साथ एक समझौता किया है. जापानी निवेश एवं प्रौद्योगिकी की मदद से मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन 2023 से परिचालन में लाने […]

कोलकाता : रक्षा मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीइएमएल बुलेट ट्रेन के कल-पुर्जों के स्वदेश में विनिर्माण को लेकर गंभीर हैं. इसके लिये उसने जापान की कंपनी हिताची के साथ एक समझौता किया है. जापानी निवेश एवं प्रौद्योगिकी की मदद से मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन 2023 से परिचालन में लाने का प्रस्ताव है. सरकार पहले ही परियोजना के क्रियान्वयन के लिये नेशनल हाइ स्पीड रेलवे कारपोरेशन का गठन कर चुकी है. उक्त बातें बीइएमएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डीके होता ने कहीं. आइसीसी द्वारा महानगर के एक होटल में आयोजित रेल कनेक्ट इस्ट 2018 परिचर्चा को संबोधित करते हुए बीइएमएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डीके होता ने आगे कहा कि यह काफी जटिल प्रौद्योगिकी है.

हम ट्रेन के कल-पुर्जों के एक हिस्से के स्वदेशीकरण और धीरे- धीरे प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिये उत्सुक हैं. उद्योग मंडल सीआइआइ के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कंपनी ने हाल ही में इस संदर्भ में जापान की हिताची कंपनी के साथ समझौता किया है. योजना के तहत कुल 24 रैक (ट्रेन) मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलाये जायेंगे. इसमें डिब्बों की संख्या 240 होगी. इसमें से 10 रैक का विनिर्माण भारत में होगा. एक अन्य सार्वजनिक उपक्रम भेल ने इसी प्रकार का समझौता जापानी कंपनी कावासाकी के साथ किया है.

होता ने कहा कि सरकार से ऑर्डर मिलने के साथ हम आपूर्ति के लिये तैयार होंगे. इसके साथ ही टीटागढ़ वैगन के वॉइस प्रेसिडेंट ललित तेजवानी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में दो फ्रेड कॉरिडोर बन रहे हैं जिसमें एक वेस्टर्न रिजन का है दूसरा इस्टर्न रिजन का है जो बंगाल के हल्दिया पोर्ट को दिल्ली से जोड़ेगा. दोनों फ्रेड कॉरिडोर का कार्य लगभग 50 प्रतिशत तक आगे बढ़ा है. सब-स्टेशन और ओवर हेड कैटेगरी का काम अलग-अलग कंपनियों को दिया गया है. वेस्टर्न कॉरिडोर के लिए एलएनटी कंपनी काम कर रही है जबकि हल्दिया से दिल्ली तक बन रहे फ्रेड कॉरिडोर का काम एसकॉम और टाटा प्रोजेक्टर कर रहे हैं. फ्रेड कॉरिडोर की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह केवल मालगाड़ियों के लिए होगा. श्री तेजवानी ने कहा कि इस लाइन में एक भी रेलवे क्रॉसिंग व मैनलेवर क्रॉसिंग नहीं होंगे.

लिहाजा मालगाड़ियों की रफ्तार में दोगुना से भी ज्यादा की बढ़ोतरी होगी. देश में मौजूद वर्तमान रेलवे लाइनों में एक साथ मेल-एक्सप्रेस और मालगाड़ियों का परिचालन होता है. इन रेल लाइनों में कई स्थानों पर ट्रेनों की गति को नियंत्रित किया जाता है. कार्यक्रम की शुरुआत सीआइआइ के चेयरमैन अनिल वसवानी के स्वागत भाषण से शुरू हुई जिसमें आइडीएसओ के एक्जिक्यूटीव डॉयरेक्टर (स्टोर) एके गुप्ता, आरडीएसओ के एग्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर (क्यूएएम डॉयपरेक्टरेट) लक्ष्मी रमन, सीआइआइ के पूर्व चेयरमैन सुदीप्त मुखर्जी, आरडीएसओ के डॉयरेक्टर, (आइ एंड एल) यतींद्र कुमार ने अपने विचार रखे.

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