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बांकुड़ा : मुनमुन सेन की सीट पर सुब्रत की प्रतिष्ठा दांव पर

बांकुड़ा : एक वक्त में माकपा का गढ़ रहे बांकुड़ा में इस बार भाजपा की तेज हो रही लहर और वामपंथ का कमजोर पड़ रहा किला सत्तारूढ़ टीएमसी के दुर्जेय संगठनात्मक कौशल की परीक्षा लेता नजर आ रहा है. राजनीतिक विश्लेषक सोमनाथ बरात के मुताबिक राज्य के कई हिस्सों में वामपंथियों की ताकत कमजोर पड़ […]

बांकुड़ा : एक वक्त में माकपा का गढ़ रहे बांकुड़ा में इस बार भाजपा की तेज हो रही लहर और वामपंथ का कमजोर पड़ रहा किला सत्तारूढ़ टीएमसी के दुर्जेय संगठनात्मक कौशल की परीक्षा लेता नजर आ रहा है. राजनीतिक विश्लेषक सोमनाथ बरात के मुताबिक राज्य के कई हिस्सों में वामपंथियों की ताकत कमजोर पड़ गयी है, लेकिन बांकुड़ा में अब भी उसका जनाधार अच्छा है. माकपा एवं भाजपा एक-दूसरे का खेल बिगाड़ सकते हैं और विपक्ष के मतों को विभाजित कर सकते हैं, जो टीएमसी के लिए बड़ी राहत की बात होगी.

टीएमसी प्रत्याशी को भाजपा-माकपा बता रहीं बाहरी
माकपा एवं भाजपा इस तथ्य को भुना रही हैं कि टीएमसी प्रत्याशी सुब्रत मुखर्जी कोलकाता से हैं. अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो यहां बहुत कम नजर आयेंगे. बाहरी के टैग के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी कहते हैं, जिस तरह गुजरात के नरेंद्र मोदी वाराणसी को विकसित कर रहे हैं, मैं भी उसी तरह से बांकुड़ा का ख्याल रखूंगा.
जिले से अनभिज्ञ नहीं हूं और पंचायत विभाग, जिसका मैं मंत्री हैं, उसकी 13 परियोजनाएं फिलहाल यहां चल रही हैं. मुखर्जी 2009 में टीएमसी प्रत्याशी के तौर पर बासुदेब आचार्य से हार गये थे. वह 2004 के चुनावों में जिस अंतर से आचार्य जीते थे, उसको कम करने में सफल रहे थे. आचार्य को 2004 में कुल डाले गये मतों का 60 प्रतिशत हासिल हुआ था, पर 2009 में यह 47.66% रह गया था.
भाजपा प्रत्याशी ने जताया जीत का भरोसा
भाजपा प्रत्याशी सुभाष सरकार ने भले ही इस बार यह सीट टीएमसी से छीनने का भरोसा जताया है, पर सुब्रत मुखर्जी भाजपा को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी स्वीकार करने से इनकार करते हैं. वह अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी माकपा को भाजपा के मुकाबले ज्यादा बड़ी चुनौती मानते हैं.
नौ बार के एमपी को मुनमुन ने हराया था
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने मंत्री सुब्रत मुखर्जी को अभिनेत्री से नेता बनीं मुनमुन सेन की जगह उतारा है. सेन ने 2014 में टीएमसी की लहर का लाभ लेते हुए नौ बार के सांसद रहे माकपा के बासुदेव आचार्य को हराया था.
बढ़ा भाजपा का वोट शेयर, पर लाभ नहीं
माकपा प्रत्याशी अमीय पात्रा ने माना कि पिछले साल के पंचायत चुनाव में भाजपा का वोट शेयर बढ़ा था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इसका यह मतलब नहीं कि वह लोकसभा चुनाव में कुछ लाभ ले पायेगी. बांकुड़ा में 16,44,523 मतदाता हैं. यहां 12 मई को चुनाव है.
2014 का चुनाव परिणाम
मुनमुन सेन, तृणमूल कांग्रेस 483,455 32%
आचार्य बासुदेब, सीपीएम 384,949 25%
सुभाष कुमार सरकार, भाजपा 251,183 16%
2009 के चुनाव नतीजे
बासुदेब आचार्य, सीपीएम 469,223 36%
सुब्रत मुखर्जी, कांग्रेस 361,421 28%
राहुल बिस्वजीत सिन्हा, भाजपा 42,660 03%
कुल मतदाता : 1,503,812
महिला मतदाता : 727,919
पुरुष मतदाता : 775,893
कौन-सी पार्टी कितनी बार जीती
कांग्रेस : 04 बार : 1952, 1957, 1967, 1971,
कम्युनिस्ट पार्टी : 10 बार : 1967 व 1980 से 2014 तक
भारतीय लोक दल : 01 बार : 1977
तृणमूल कांग्रेस : 01 बार : 2014
Prabhat Khabar Digital Desk
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