17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Sarkari Naukri: उत्तर प्रदेश में अब सीधे नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, पहले 5 साल तक संविदा पर करना होगा काम

Sarkari Naukri, Government jobs, up government jobs, CM yogi adityanath: देश में सरकारी नौकरियों की प्रवेश परीक्षा कराने की मांग जोर पकड़ रही है. इसी बीच, उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े बदलाव की तैयारी पर विचार कर रही है. इसके तहत समूह 'ख' व 'ग' की भर्तियों में चयन के बाद पांच वर्ष तक संविदा कर्मचारी के तौर पर काम करना होगा.

Sarkari Naukri, Government jobs, up government jobs,CM yogi adityanath: देश में सरकारी नौकरियों की प्रवेश परीक्षा कराने की मांग जोर पकड़ रही है. इसी बीच, उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार बड़े बदलाव की तैयारी पर विचार कर रही है. इसके तहत समूह ‘ख’ व ‘ग’ की भर्तियों में चयन के बाद पांच वर्ष तक संविदा कर्मचारी के तौर पर काम करना होगा.

इस दौरान उन्हें नियमित सरकारी सेवकों को मिलने वाले अनुमन्य सेवा संबंधी लाभ नहीं मिलेंगे. 5 वर्ष की कठिन संविदा सेवा के दौरान जो छंटनी से बच पाएंगे उन्हें ही मौलिक नियुक्ति मिल सकेगी. शासन का कार्मिक विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए लाने की तैयारी कर रहा है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस प्रस्ताव पर विभागों से राय मशविरा शुरू कर दिया गया है.

क्यों लिया जा रहा ऐसा फैसला

सभी विभागों से सुझाव लेने के बाद इसे कैबिनेट में लाया जा सकता है. इसके पीछे का तर्क यह है कि इस व्यवस्था से कर्मचारियों की दक्षता बढ़ेगी. साथ ही नैतिकता देशभक्ति और कर्तव्यपरायणता के मूल्यों का विकास होगा. इतना ही नहीं सरकार पर वेतन का खर्च भी कम होगा.

Also Read: Sarkari Naukri 2020 : इस क्षेत्र में नौकरी खोजने वालों के लिए बुरी खबर, जानें क्या है पूरी बात

बता दें कि वर्तमान में यूपी सरकार अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया से रिक्त पदों पर उम्मीदवारों को चयन के बाद संबंधित संवर्ग की सेवा नियमावली के अनुसार एक या दो साल के लिए प्रोबेशन पर नियुक्ति करती है. इस दौरान कर्मियों को नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ भी मिलते हैं. इस दौरान वह अपने विभाग के वरिष्ठ अफसरों की निगरानी में कार्य करते हैं. नियमित होने पर वह नियमानुसार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं.

हर छह महीने बाद होगा मूल्यांकन

हिंदी दैनिक अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक प्रस्तावित पांच साल की संविदा भर्ती और इसके बाद मौलिक नियुक्ति की कार्यवाही से समूह ‘ख’ व ‘ग’ की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही बदल जाएगी. नई व्यवस्था में तय फार्मूले पर इनका हर छह महीने बाद मूल्यांकन होगा. इसमें प्रतिवर्ष 60 प्रतिशत से कम अंक पाने वालों को सेवा से बाहर कर दिया जाएगा. इस दौरान जो उम्मीदवार पांच साल की सेवा तय शर्तों के साथ पूरी कर सकेंगे, उन्हें मौलिक नियुक्ति दी जाएगी.

बताया जा रहा है कि प्रस्तावित नियमावली सरकार के समस्त सरकारी विभागों के समूह ख व समूह ग के पदों पर लागू होगी. यह सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती नियमावली, 1974 पर भी लागू होगी. इसके दायरे से केवल प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा (कार्यकारी एवं न्यायिक शाखा) तथा प्रादेशिक पुलिस सेवा के पद ही बाहर होंगे. संविदा पर नियुक्त व्यक्ति पर यूपी सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली-1999 लागू नहीं होगी.

Posted By: Utpal kant

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें