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Sitapur Biswan Assembly Chunav: कभी था कांग्रेस का गढ़ लेकिन अब एक ही पार्टी को दो बार नहीं मिलता मौका…

Sitapur Biswan Assembly Chunav 2022 बिसवां विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1957 में पारित होने के बाद हुआ था. साल 2008 में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश पारित होने के बाद, निर्वाचन क्षेत्र को पहचान संख्या 149 सौंपी गई थी.

Sitapur Biswan Assembly Chunav 2022: बिसवां विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश विधान सभा, भारत के 403 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह सीतापुर जिले का एक हिस्सा है और सीतापुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1957 में पारित होने के बाद हुआ था. साल 2008 में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश पारित होने के बाद, निर्वाचन क्षेत्र को पहचान संख्या 149 सौंपी गई थी.

कौन है विधायकᣛ?

बता दें कि यूपी के सीतापुर जिलेकी बिसवां विधानसभा सीट की राजनीति सबसे अलग है. इस सीट पर 1980 से 1991 तक कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन 1993 के बाद से इस सीट से किसी भी पार्टी को लगातार दोबारा जीतने का मौका नहीं मिला. फिलहाल यहां भाजपा काबिज है. 2017 के चुनाव में भाजपा के महेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी.

जानें राजनीतिक इतिहास

सीतापुर जिले की बिसवां विधानसभा में आजादी के बाद पहला चुनाव सन 1957 में हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के गनेशी लाल और सुरेश प्रकाश सिंह विधायक बने. 1993 में इस सीट से सपा ने अपना खाता खोला और सुरेंद्र पाल सिंह यहां से विधायक बने. हालांकि, 1996 के चुनाव में वह जीत दोहरा नहीं सके और भाजपा ने यहां कब्जा कर लिया. इस सीट पर अजीत कुमार मेहरोत्रा ने जीत हासिल की. साल 2002 में सपा के रामपाल यादव, 2007 में बसपा से निर्मल यादव, 2012 में सपा से फिर रामपाल यादव और 2017 में महेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी. अब 2022 में किसके हाथ लगेगी सत्ता की चाभी, यह तो 10 मार्च के बाद ही पता चलेगा.

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