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जगदंबा की शक्ति के बिना सुख संभव नहीं : शंकराचार्य

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शंकराचार्य स्वामी सहजानंद जी ने रायकेरा, नरसिंह आश्रम, मनीपुर व पुराना मनोहरपुर में धर्मसंचार सभा का आयोजन किया

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मनोहरपुर/आनंदपुर . मनोहरपुर प्रखंड के रायकेरा, नरसिंह आश्रम, बाबा मणिनाथ मंदिर मनीपुर और मनोहारी काली मंदिर एवं रजवाड़ी महाकालेश्वर शिव मंदिर पुराना मनोहरपुर में आयोजित धर्म संचार सभा में द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने ग्रामीणों को संबोधित किया. अपने आशीर्वचन दिए. नरसिंह आश्रम में मंदिरों के दर्शन के पश्चात महाराज श्री ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य के पालनकर्ता कौन हैं. प्रलय के बाद श्रृष्टि कैसे उत्पन्न होती है. यह विचार मानव प्राणी के मन में आता है. माता जगदंबा जो शक्ति का स्वरूप हैं, वह श्रृष्टि में सहायक होती हैं. शंकराचार्य स्वामी ने कहा कि ओंकार में जो बिंदु है वह शक्ति है. प्रलय में भी उसका विलय नहीं होता है. मां के बिना श्रृष्टि नहीं हो सकती है. समर्थ होने के लिए महादेव ने सती से विवाह किया. हमारी ज्ञानेन्द्रियों की जो शक्ति है उससे हम और चीजों को देख व सुन सकते हैं. अनुभव कर सकते हैं, लेकिन उन ज्ञानेन्द्रियों को देखने, सुनने की शक्ति हमें अध्यात्म से प्राप्त होगी. स्वामी जी ने कहा की आंख से हम अपने आंख पर लगे काजल को नहीं देख सकते हैं, तो हमें भगवान कैसे प्राप्त होंगे. जगदंबा को पाने और सच्चे सुख का अनुभव करने के लिए हमें शास्त्रों का अध्ययन करना पड़ेगा. मठ, मंदिर में सत्संग करना पड़ेगा. गुरु की शरण में जाना पड़ेगा. शास्त्र अध्ययन की अगर क्षमता ना हो तो सत्संग और गुरु के माध्यम से हम जगदंबा को प्राप्त कर सकते हैं.

तुलसी, वटवृक्ष व घर के देवी-देवताओं की करें पूजा

मनोहरपुर के रायकेरा शिव मंदिर पाटोत्सव में पहुंचे द्वारिकाशारदा पीठ के शंकराचार्य श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज ने भक्तों को आशीर्वचन देते हुए कहा कि हिंदू धर्म बहुत सहज और सरल है. इसमें पूजा, सत्संग, संत दर्शन का बड़ा महत्व है. सनातन धर्म में तुलसी की पूजा, वट वृक्ष की पूजा, घर में रखे देवी-देवताओं की पूजा, कुल देवी, कुल देवता की पूजा कर धर्म का पालन कर सकते हैं. स्वामी जी ने कहा कि एक सरल व्यक्ति था. वह प्रतिदिन भगवान शंकर के एक मंदिर में फूल, विल्व पत्र देकर जलार्पण करता था. शिवजी प्रसन्न होकर प्रकट हुए और कहा जो वरदान मांगने है मांगो. वह व्यक्ति बोला महादेव पहले आप यह बताइए कि कामदेव ने जब आपकी पूजा की तो आपने उसे भस्म कर दिया और मुझे वरदान दे रहे हैं. महादेव ने उसके संशय को दूर करते हुए कहा कि वो मेरी तपस्या भंग करना चाहता था, जबकि तुम अपने परिवार की सुख-शांति के लिए मेरी आराधना कर रहे थे. शंकराचार्य स्वामी ने कहा कि जब हम भगवान की आराधना करते हैं तो वे हमारे सभी दुखों का विनाश करते हैं. मौके पर शिव प्रताप सिंहदेव, इंद्रजीत मल्लिक, बसंत हरलालका, राजेश हरलालका,चंचल रवानी, गुबलु, अरविंद लोहार,मधुसूदन लोहार, अश्विनी बघेल, संजय किशोर सिंहदेव,विजय किशोर सिंहदेव,सुजीत सिंहदेव,अनूप पति, नीलकंड पाल, उमा बघेल समेत सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष मौजूद थे.

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