चक्रधरपुर : मिसवाक की बेशुमार बरकतें हैं. ये बरकतें संसार में भी मिलती हैं और मरने के बाद तक हासिल होती रहती हैं. मिसवाक से नमाज के सवाब का दरजा बढ़ जाता है. हमेशा मिसवाक करते रहने से रोजी में आसानी और बरकत रहती है. सिर का दर्द दूर होता है. मिसवाक बलगम को दूर करती है.
नजर को तेज करती है. पेट को दुरुस्त रखती है. खुशब्यानी अता होती है. जिस्म को ताकत मिलती है. याददाश्त करने की ताकत बढ़ती है और अकल तेज होती है. मिसवाक से दिल पाक हो जाता है. मिसवाक को लाजिम करने और गफलत नहीं करने पर अल्लाह की खुशनूदी हासिल होती है. नेकियों में बढ़ोतरी होती है.
फरिश्ते खुश होते हैं और उसके चेहरे के नूर की वजह से उससे मुसाफा करते हैं. अंबिया व रसूल उसके लिए दुआएं मगफिरत करते हैं. मिसवाक से शैतान नाराज होता है. खाना हजम होता है. बच्चों की पैदाइश बढ़ाती है. बुढ़ापा देर से आता है. बदन से हरारत दूर होती है. पीठ मजबूत होती है.
बदन को अल्लाह की बंदगी के लिए ताकत मिलती है. मौत में आसानी होती है और कलम–ए–शहादत याद दिलाती है. कयामत में नाम–ए–आमाल सीधे हाथ में दिलाती है. मिसवाक करने वाले के लिए जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते हैं और जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिये जाते हैं. मिसवाक करने वाला दुनिया से पाक साफ होकर रुखसत होता है. सबसे बढ़ कर ये कि मिसवाक करने वाला से अल्लाह राजी होता है और उसके मुंह की सफाई भी हो जाती है.
– शीनअनवर –

