खरसावां : सरायकेला–खरसावां जिले में दुर्गोत्सव को लेकर बाजार में रौनक बढ़ने लगी है. यू तो पांच अक्तूबर से ही नवरात्र का त्योहार शुरू हो गया है, परंतु यहां शत प्रतिशत जगहों में महासप्तमी से माता की पूजा अर्चना की जायेगी.
11 अक्तूबर को महासप्तमी पूजा का आयोजन किया जायेगा. पूजा को अब मात्र तीन दिन शेष है. इधर सरायकेला, आमदा, दुगनी, कोलाबिरा, सीनी और खरसावां में विभिन्न पूजा पंडाल के सदस्य तैयारी में दिन रात लगे हुए हैं. पंडालों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
खरसावां व राजखरसावां जहां तीन स्थानों में मां दुर्गा की पूजा की जाती है, वहीं सरायकेला में चार स्थानों पर मां दुर्गा पूजी जाती हैं. सीनी में भी दो पंडाल बनाये जायेंगे. कोलाबिरा, दुगनी, गोविंदपुर, राजनगर, चामारु व कुचाई में एक–एक स्थान पर मां की भव्य प्रतिमा स्थापित की जायेगी. कुचाई के दुर्गा मंदिर में नौ दिवसीय नव रात्र त्योहार का आयोजन किया जाता है.
इसके अलावा खरसावां और सरायकेला में अधिकांश घरों में मां दुर्गा की पूजा की जाती है. क्षत्रिय परिवारों में मां दुर्गा के नवपत्रिका दुर्गा की पूजा–अर्चना होती है. इसमें नौ प्रकार के पत्रों को संग्रह कर माता के स्वरूप में पूजा की जायेगी. कई घरों में कलश स्थापित कर मां भगवनी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. सरायकेला व कुचाई में मेला का भी आयोजन किया जायेगा.
तीसरे दिन जुटे भक्त
नव रात्र के तीसरे दिन सोमवार को मां दुर्गा की चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा–अर्चना की गयी. घरों में नवरात्र का तीसरा कलश स्थापना कर माता की पूजा की गयी. कुचाई के मां दुर्गा मंदिर में माता चंद्रघंटा देवी की पूजा के लिए काफी संख्या में भक्त जुटे थे. माता चंद्रघंटा की पूजा से सारे विघ्न दूर होते हैं. मंगलवार को माता के कुष्मांडा रूप की पूजा की जायेगी.
सहयोग की अपील
चांडिल. थाना परिसर में सोमवार को दुर्गा पूजा व बकरीद को लेकर थाना प्रभारी आदि कांत महतो के अध्यक्षता में बैठक हुई. इस मौके पर थाना प्रभारी आदि कांत महतो ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए समितियों को सहयोग की अपील की. उन्होंन कहा कि पूजा के दौरान शराब बेचने वालों पर कड़ी कारवाई कि जायेगी. इस मौके पर मुखिया महेंद्र मांझी, श्यामद नापित, भोला गोराई आदि उपस्थित थे.
सौहाद्र्रपूर्ण होगा आयोजन
सीनी. सीनी ओपी में ग्राम प्रधान मनोज कुमार शर्मा की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक हुई. बैठक में समाज के कई महानुभाव एवं पंचायत के जन प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में मुख्य रूप से दुर्गा पूजा, बकरीद एवं मनसा पूजा शांति एवं सौहाद्र्र के साथ मनाने पर विचार–विमर्श किया गया.