18.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

धान की फसल में शीथ ब्लाइट व कीट प्रकोप की हुई पुष्टि, किसानों को दी बचाव की सलाह

जिला कृषि पदाधिकारी ने नक्सीमल गांव में धान की फसल का किया निरीक्षण

साहिबगंज. जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने बरहरवा प्रखंड के बिशनपुर पंचायत अंतर्गत नक्सीमल गांव में धान की फसल का निरीक्षण किया. निरीक्षण में कई किसानों के खेतों में धान की फसल में शीथ ब्लाइट बीमारी के लक्षण पाए गये. यह बीमारी तना और पत्तियों के जुड़ाव वाले हिस्से से शुरू होकर पूरी पत्ती में फैल जाती है. प्रभावित पौधे की पत्तियां झुलसने लगती हैं और तना कमजोर होकर टूट जाता है. कृषि विभाग ने इसे फफूंदजनित रोग बताते हुए इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए हेक्साकोनाजोल या टेबुकोनाजोल की 02 ग्राम/लीटर की दर से स्प्रे करने की सलाह किसानों को दी है. यह छिड़काव 10 दिनों के अंतराल पर कम से कम दो बार करना जरूरी बताया गया है. निरीक्षण के दौरान खेतों में बकया कीट केस वर्मका प्रकोप भी देखा गया. इस कीट के आक्रमण से धान के खेतों में सफेद चादर जैसी स्थिति नजर आती है. क्योंकि कीड़े हरे पत्तों की कोशिकाओं को खा जाते हैं. इसके नियंत्रण के लिए क्विनालफास-25 ईसी या मोनोक्रोटोफास-50 ईसी का 02 मिली/लीटर पानी की दर से छिड़काव करने की सलाह दी गयी है. तना छेदक से फसल प्रभावित, बीमा कराने की अपील की है. कृषि पदाधिकारी ने बताया कि कुछ खेतों में तना छेदक कीट का भी प्रकोप देखा गया है. इस कीट के आक्रमण से धान की गाभा सूख जाती है. मादा कीट पत्तियों के अग्रभाग में अंडे देती है, जिससे निकले लार्वा धान के तनों को काटना शुरू कर देते हैं. इस कारण कई बार धान में बालियां नहीं आतीं और आई भी तो खोखली रह जाती हैं. नियंत्रण के लिए फिप्रोनिल जीआर या रिजेंट जीआर का प्रयोग 06 किग्रा/एकड़ की दर से करने की सलाह दी गयी है. छिड़काव के समय खेत में 01-02 सेंटीमीटर पानी रहना आवश्यक है. अधिक पानी होने की स्थिति में अतिरिक्त जल निकालने को कहा गया है. किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए भी जागरूक किया गया. बताया गया कि बीमा की अंतिम तिथि 30 सितंबर-2025 तक बढ़ा दी गयी है. किसानों से अपील की गयी है कि वे अपने निकटतम प्रज्ञा केंद्र से संपर्क कर फसल का बीमा अवश्य कराएं. बीमा कराने से प्राकृतिक आपदा, बाढ़, जलजमाव, अतिवृष्टि तथा कीट व्याधियों से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने किसानों को समय-समय पर कृषि विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन का पालन करने और बीमारियों व कीट प्रकोप को देखते ही तुरंत उपचारात्मक कदम उठाने की सलाह दी. उनका कहना था कि थोड़ी सी सावधानी और समय पर दवा का प्रयोग करके किसान अपने धान की फसल को बड़े नुकसान से बचा सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel