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Jharkhand High Court On Water Sources Encroachments : रांची के जल स्रोतों पर हो रहे अतिक्रमण पर झारखंड हाइकोर्ट गंभीर, अधिकारियों से मांगा जवाब

रांची जल स्रोतों के अतिक्रमण पर झारखंड हाइकोर्ट गंभीर

high court on water sources Encroachments ranchi, water sources encroachments in ranchi रांची : रांची एक जिंदा शहर है, इसे जिंदा रखना है. यह तभी होगा, जब हम जल स्रोतों को बचा पायेंगे. शुक्रवार को झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने उक्त टिप्पणी की. खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कांके डैम, धुर्वा डैम, बड़ा तालाब सहित अन्य जल स्रोतों की अधिग्रहित जमीन व कैचमेंट एरिया के अतिक्रमण को लेकर दायर विभिन्न जनहित याचिकाअों पर सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान रांची के उपायुक्त छवि रंजन और नगर आयुक्त मुकेश कुमार वर्चुअल तरीके से कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए. खंडपीठ ने दोनों अधिकारियों से कहा कि कांके डैम, धुर्वा डैम, बड़ा तालाब सहित अन्य जल स्रोतों के लिए कितनी जमीन अधिग्रहित की गयी है, उसका कैचमेंट एरिया क्या है, प्रत्येक जल स्रोत का नक्शा बना कर उसके कैचमेंट एरिया को दर्शाया जाये तथा उसमें जो अतिक्रमण है, उसे भी बताया जाये. अगली सुनवाई के पूर्व नक्शे को रिपोर्ट के जरिये कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाये. इस मामले में कोर्ट आदेश पारित करेगा.

कोर्ट गंभीर, आप भी मामले को गंभीरता से लें :

उपायुक्त व नगर आयुक्त को निर्देश देते हुए खंडपीठ ने यह भी कहा कि कोर्ट इस मामले में गंभीर है. आप भी मामले को गंभीरता से लें. सड़क के अतिक्रमण को हटाने के लिए नगर निगम स्वयं सक्षम है. छह मार्च 2020 को जो आदेश दिया गया था, उसका कितना अनुपालन किया गया है. खंडपीठ ने कहा कि बड़ा तालाब के पानी में मेडिकल कचरा सहित किसी प्रकार का कचरा नहीं जाना चाहिए, इसे सुनिश्चित किया जाये. यदि तालाब के किनारे वाहनों की पार्किंग होती है, तो उसे नगर निगम देखे. मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.

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बड़ा तालाब में जाता है नालियों का पानी :

इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि जल स्रोत के कैचमेट एरिया का भी अतिक्रमण कर लिया गया है. वहीं, अधिवक्ता अर्पित शर्मा ने खंडपीठ को बताया कि बड़ा तालाब में नालियों का पानी जाता है. कूड़ा-कचरा भी जा रहा है. इससे तालाब का पानी जहरीला होता जा रहा है. राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी खुशबू कटारूका, राजीव कुमार सिंह व अन्य ने जनहित याचिका दायर की है.

क्या कहा अदालत ने

रांची जिंदा शहर है, इसे जिंदा रखना है, यह तभी होगा जब हम जल स्रोतों को बचायेंगे

कांके डैम, धुर्वा डैम, बड़ा तालाब सहित अन्य जल स्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने का मामला

सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के समक्ष वर्चुअल तरीके से उपस्थित हुए उपायुक्त और नगर आयुक्त

जल स्रोतों की अधिग्रहित जमीन का मैप बना कर रिपोर्ट देने का निर्देश, अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar News Desk
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