डकरा. एनके एरिया के वर्कशॉप से हैवी वेल्डर पद से सेवानिवृत्त जगदीश चौहान के पुत्र विमलेश कुमार चौहान पिछले 19 महीने से अपने पिता की जीवन भर की कमाई का हिस्सा ग्रेच्युटी की राशि का भुगतान कराने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी उसका सुनने वाला नहीं है. 31 जनवरी 2024 को जगदीश चौहान जब सेवानिवृत्त हुए थे. उस समय वे हृदय रोग से पीड़ित थे और उसी बीमार हालत में अपने ग्रेच्युटी की राशि के लिए कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते 17 जुलाई 2025 को दुनिया से चल बसे. बावजूद कार्यालय में बैठे बाबुओं को तरस नहीं आया और वे अब उनके पुत्र को बताते हैं कि तुम्हारे बाबूजी भी खर्चा नहीं करना चाहते थे और तुम भी उसी रास्ते पर चल रहे हो, तो दौड़ते रहो. पिता की मृत्यु के एक महीना पहले माता कुंती देवी का भी 18 जून को देहांत हो गया था. औरंगाबाद के रिसिएफ गांव निवासी विमलेश ने आरोप लगाया कि जब भी कार्यालय जाते हैं, तो डिलिंग क्लर्क मुर्गा और दारु मंगवाता है.क्षेत्र के बड़े अधिकारियों को भी जानकारी दी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार अगर कागजात में कोई कमी है, तो राशि रोकने के बजाये लेबर कमिश्नर को भेज देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं कर कार्यालय में काम करने वाले बाबू गलत मंशा से भी सेवानिवृत्त कर्मी या परिजनों को परेशान कर रहे हैं. इस प्रकरण में एनके एरिया के मानव संसाधन विभाग प्रमुख शैलेंद्र कुमार ने कहा कि मामले को नोट कर लिया हूं, पता करते हैं कि क्या मामला है.
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