डकरा. एनके एरिया में व्याप्त समस्या, अधिकारियों की मनमानी और औद्योगिक संबंध में शामिल ट्रेड यूनियन नेताओं की चापलूसी से परेशान मजदूरों की आवाज बुलंद करने के उद्देश्य से बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने 18 सितंबर से केडीएच कोयला खदान बंद कराने का निर्णय लिया है. बुधवार को यूनियन के जोनल अध्यक्ष रतिया गंझू ने एनके महाप्रबंधक को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है. नौ सूत्री मांग पत्र में कहा गया है कि केडीएच खदान के आसपास भू-धंसाव हो रहा है और लोगों की जान खतरे में है, चारों तरफ जहरीला धुआं से लोग परेशान हैं. इसका स्थायी समाधान किया जाये, तुमांग, विश्रामपुर और जेहलीटांड़ के ग्रामीणों का पुनर्वास नीति के तहत जल्द विस्थापन किया जाये, संडे ड्यूटी में चार दिन का फिजिकल एटेंडेंट समाप्त किया जाये, कामगारों के जर्जर आवास, काॅलोनी, सड़क ठीक करायी जाये, सभी जगहों पर साफ-सफाई की व्यवस्था हो, प्रदूषण पर रोक लगायी जाये, सिविल और इएंडएम विभाग में निकलने वाले बड़े टेंडर को छोटा कर निकाला जाये, ताकि छोटे-छोटे ठेकेदारों को काम मिल सके. झारखंड सरकार द्वारा घोषित स्थानीय बेरोजगारों को क्षेत्र में काम करनेवाली आउटसोर्सिंग कंपनी में 75% युवाओं को रोजगार देने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये, आये दिन होनेवाली हैवी ब्लास्टिंग से जर्जर हालत बनी जेहलीटांड मस्जिद को खनन क्षेत्र से बाहर बनाने की मांग की गयी है.
यूनियन के जोनल अध्यक्ष ने एनके महाप्रबंधक को पत्र लिख कर दी जानकारीB
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