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Ranchi news : पीएमजीएसवाइ-चार में ग्रीन टेक्नोलॉजी पर होगा विशेष ध्यान

पीएम गतिशक्ति प्लानिंग टूल में डालनी होगी रिपोर्ट, सभी राज्यों को भेजी गयी गाइडलाइन की कॉपी.

मनोज सिंह, रांची.

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-फेज चार (पीएमजीएसवाइ) अगले वित्तीय वर्ष (2025-26) से चलेगी. यह पांच साल तक चलेगी. इसके तहत ग्रामीण सड़क बनाते समय ग्रीन टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. इसके लिए राज्यों को प्रेरित किया गया है. भारत सरकार ने इसकी गाइडलाइन जारी कर दी है. सभी राज्यों को इसकी कॉपी भेज दी गयी है. भारत सरकार ने सड़कों के चयन में ग्रामसभा को सहभागी बनाने का निर्देश दिया है.

फोटोग्राफी भी करायी जायेगी

भारत सरकार ने कहा है कि सड़कों को चिह्नित करने के लिए ट्रांसेक्ट वॉक (पथ चिह्नित के लिए वॉक) सहायक अभियंता आयोजित करेंगे. इसमें स्थानीय पुलिस, प्रधान, पंच, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, महिला स्वयं सहायता समूह को शामिल किया जाये. इसमें परियोजना से प्रभावित लोग और अगर जरूरी हो तो वन क्षेत्र पदाधिकारी का सहयोग भी लिया जाना चाहिए. सड़कों को चिह्नित करने के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव, मिट्टी और जल स्रोत की स्थिति का भी ध्यान रखा जायेगा. कम से कम 10 डिजिटल फोटोग्राफी पूरे प्रस्तावित पथ की होनी चाहिए. ट्रांसेक्ट वॉक के बाद ग्रामसभा की जानी चाहिए. इसका पूरा मिनट्स तैयार करना होगा. इसको विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाते समय शामिल करना होगा. तैयार रिपोर्ट को पीएम गतिशक्ति प्लानिंग टूल में डालना होगा.

12 माह में पूरी करनी होगी परियोजना

भारत सरकार ने कहा है कि सड़क परियोजना को सामान्य जिलों में वर्क ऑर्डर जारी होने के 12 माह में पूरा करना होगा. दक्षिणपंथी से प्रभावित जिलों, आकांक्षी जिलों में अधिकतम 18 माह में पूरा किया जा सकता है. वर्क ऑर्डर जारी होने के 15 दिनों के अंदर प्रोजेक्ट साइट पर पीएमजीएसवाइ का लोगो के साथ एक साइन बोर्ड लगाना होगा. इसमें स्कीम का नाम, सड़क का नाम, लंबाई, प्रोजेक्ट कॉस्ट, पूरा होने की तिथि की जानकारी भी देनी होगी.

सांसद से कराना होगा निरीक्षण

गाइडलाइन में कहा गया है कि अधीक्षण अभियंता को काम शुरू होने के छह माह के बाद सांसद से संयुक्त निरीक्षण कराना होगा. इसमें सांसद के अतिरिक्त अधिकारी भी रहेंगे. स्थानीय विधायक और संबंधित पंचायत के प्रमुख से भी तीन माह में निरीक्षण कराना होगा. सरपंच और ग्राम पंचायत के सदस्यों से हरेक दो माह में निरीक्षण कराना होगा. काम की गुणवत्ता की जांच भी करानी होगी.

स्टेट क्वालिटी कंट्रोलर रख सकेंगे राज्य

गाइडलाइन में कहा गया है कि राज्य सरकार इस स्कीम को गति प्रदान करने के लिए स्टेट क्वालिटी कंट्रोलर रख सकेंगे. वह काम की गुणवत्ता पर भी नजर रखेंगे. इसके प्रमुख अधीक्षण अभियंता रैंक के इंजीनियर हो सकते हैं. उनको सड़क निर्माण में कम से कम पांच साल फील्ड में काम करने का अनुभव होना चाहिए. इनकी नियुक्ति कम से कम दो साल के लिए हो सकती है.

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