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झारखंड के फुनसुख वांगडू स्कूली बच्चों में पैदा कर रहे हैं वैज्ञानिक सोच, KBC के हॉट सीट पर दिखेंगे ज्ञान राज

रीयल लाइफ में झारखंड के फुनसुख वांगडू यानी रांची के ज्ञान राज KBC के हॉट सीट पर 23 अगस्त को महानायक अमिताभ बच्चन के सामने दिखेंगे. ज्ञान राज स्कूली बच्चों में अभी से वैज्ञानिक सोच पैदा कर रहे हैं. वहीं, पीएम मोदी के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर कमेटी में भी ज्ञान शामिल हैं.

Jharkhand News (रांची) : झारखंड की राजधानी रांची से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है एक छोटा सा गांव पिस्का नगड़ी. इस गांव के ज्ञान राज आगामी 23 अगस्त, 2021 को KBC के 13वें सीजन में महानायक अमिताभ बच्चन के साथ हाॅट सीट पर दिखेंगे. रांची के ज्ञान राज प्रधानमंत्री प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर कमेटी (Prime Minister Principal Scientific Advisory Committee) के सदस्य भी हैं.

रांची के ज्ञान राज ने कभी सोचा भी नहीं था कि 25 साल की उम्र में उनकी कहानी देश-दुनिया तक पहुंचेगी. लेकिन, अब उनके जुनून ने उन्हें अलग पहचान दिला दी है. कंप्यूटर साइंस में बीटेक ज्ञान राज पिस्का नगड़ी स्थित अपने स्कूल में अटल टिंगरिंग लैब को स्थापित कर छोटे बच्चों के भीतर वैज्ञानिक सोच पैदा कर रहे हैं.

रीयल लाइफ में झारखंड के फुनसुख वांगडू यानी ज्ञान राज ने अपने स्कूली बच्चों में शिक्षा प्रणाली को बदलने का प्रयास किया है. उनके इस आउट आॅफ द बॉक्स आइडिया ने महानायक अमिताभ बच्चन को प्रेरणा दी है. ज्ञान कहते हैं कि जब वह रियलिटी शो को सूट कर रहे थे, तो महानायक अमिताभ बच्चन की उत्सुकता चरम पर थी. प्रोडक्शन कंपनी और महानायक अमिताभ बच्चन को उनकी कहानी इतनी प्ररेणादायी लगी कि उन्होंने उन्हें पहले कंटेस्टेंट के तौर पर शाे में शामिल करने का फैसला किया.

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PM मोदी के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवायजर टीम में शामिल हैं ज्ञान

रांची के ज्ञान राज PM मोदी के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवायजर टीम में भी शामिल हैं. PM मोदी देश के 100 युवा वैज्ञानिकों की टीम से विज्ञान के क्षेत्र में नये-नये इनोवेशन पर सलाह भी लेते हैं. ज्ञान के कई प्रोजेक्टस को PM मोदी ने काफी सराहा भी है.

गांव में बच्चों को लैब में सिखाते हैं रोबोटिक्स

ज्ञान राज स्कूल के बच्चों में छिपे भावी वैज्ञानिक को तराश रहे हैं. खूंटी और धनबाद की तर्ज पर नगड़ी जैसे छोटे कस्बे में अटल टिंगरिंग लैब चला रहे हैं. यहां पढ़ने वाले हर बच्चे रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन मेकिंग, 3D प्रिटिंग, टेलीस्कोप, माइक्रोस्कोप, सेंसर सहित अलग-अलग चीजों पर भी रिसर्च कर रहे हैं.

बीटेक कर गांव के स्कूल में पढ़ाना पसंद किया

ज्ञान राज कहते हैं कि वर्ष 2017 में नौकरी करने की जगह पर पिता द्वारा स्थापित स्कूल में पढ़ाने का निर्णय लिया क्याेंकि अाम बच्चे वहीं जाते हैं. कहते हैं कि अधिकतर बच्चे परीक्षा में असफल हो जाते थे. फिर निराश होकर पढ़ाई छोड़ देते हैं. आज आइडिया और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि उनके स्कूल के बच्चे इंस्पायर्ड अवार्ड में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं. इसरो के लिए देश के 50 आमंत्रित बच्चों में जगह बना चुके हैं.

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शिक्षा के क्षेत्र में कई और प्रयोग करना चाहते हैं : ज्ञान राज

ज्ञान राज BIT से कंप्यूटर साइंस में बीटेक हैं. कहते हैं अच्छे ऑफर छोड़कर गांव के साइंस में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स में छिपी वैज्ञानिक प्रतिभा को निखारने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. हालांकि, अभी वो रुकने के मूड में नहीं हैं. भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में कई और प्रयोग करना चाहते हैं. उन्होंने भविष्य के वैकल्पिक प्लानिंग के बारे में बताया और अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया.

Posted By : Samir Ranjan.

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