रांची. राज्य में कई पुराने नियमों के कारण व्यावसायिक और औद्योगिक प्रक्रियाओं सहित अन्य कार्यों मेें बाधाएं आ रही हैं. ऐसे में इन नियमों को सुगम बनाने के लिए झारखंड सरकार ने कंप्लायंस रिडक्शन एंड डिरेगुलेशन अभियान शुरू किया है. इसके लिए टास्क फोर्स बनाया गया है, जिसकी अध्यक्ष मुख्य सचिव अलका तिवारी बनायी गयी हैं. इसमें सभी प्रमुख विभागों के सचिव भी सदस्य हैं.
टास्क फोर्स की पहली बैठक हुई
इधर राज्य टास्क फोर्स की पहली बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हो चुकी है. केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव केके पाठक भी झारखंड के लिए बनाये गये टास्क फोर्स के सदस्य हैं. वह जल्द ही झारखंड आकर बैठक में शामिल होंगे.
उद्योग निदेशक नोडल अधिकारी बनाये गये
इसमें उद्योग निदेशक को नोडल अधिकारी बनाया गया है. उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक को सहायक नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. यह कमेटी नागरिक सुविधाओं में जो रेगुलेशन बाधा बन रही, उसे समाप्त भी करेगी. वहीं औद्योगिक निवेश में जिन रेगुलेशन के कारण प्रक्रिया में विलंब होता है, उन्हें सरल किया जायेगा. बिजनेस में लॉ बर्डेन को हटाने की कार्रवाई की जायेगी.
केंद्र ने भी डिरेगुलेशन सेल बनाया
दिसंबर 2024 में आयोजित मुख्य सचिव सम्मेलन में राज्य स्तर पर अनुपालन और नियमों को व्यावहारिक रूप से सरल करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था. इसके बाद भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय द्वारा ‘डि-रेगुलेशन सेल’ का गठन किया गया, जो देश भर में नियमों की समीक्षा और सरलीकरण में राज्यों की सहायता कर रहा है. झारखंड के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स ने पांच प्रमुख क्षेत्रों भूमि उपयोग, भवन एवं निर्माण, श्रम, उपयोगिता सेवाएं तथा समग्र प्राथमिकताओं को चिह्नित किया है. इन क्षेत्रों को 23 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और 71 उपप्राथमिकता वाले क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनकी जिम्मेदारी संबंधित विभागों को सौंपी गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है