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Jharkhand News: अफसरों के रवैये से झारखंड के वि‍धायक परेशान, बोले- नहीं देते हैं सम्मान

झारखंड के जनप्रतिनिधि अफसरों के रवैये से खफा दिखाई पड़ रहे हैं, इस मुद्दे पर सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों साथ आये. स्पीकर ने कहा है कि उन्हें पत्र भेज कर हिदायत दी जाएगी.

रांची : बजट सत्र के दौरान मंगलवार को सदन अफसरों के रवैये पर गरम हुआ. पक्ष-विपक्ष दोनों साथ आये. कांग्रेस और भाजपा के विधायकों का कहना था कि अफसर विधायिका का इज्जत नहीं कर रहे हैं. विधायकों का सम्मान नहीं कर रहे हैं. राज्य के अफसरों को प्रोटोकॉल नहीं मालूम है. विधायकों का फोन तक नहीं उठाते. कुर्सी से उठना भी जरूरी नहीं समझते.

कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने राजभवन में राज्यपाल द्वारा दिये गये भोज का मामला उठाया. श्री सिंह का कहना था कि राज्यपाल के अाभारी हैं. उन्होंने विधायिका के सम्मान में आयोजन किया. सभी सदस्यों को बुलाया. लेकिन व्यवस्था अफसर देख रहे थे़ तीन-चार टर्म के विधायक, उपमुख्यमंत्री रहे सुदेश महतो को दर्शकों के साथ बैठना पड़ा.

डॉ लंबोदर महतो, इरफान अंसारी को बैठने की जगह नहीं मिली. अफसर बैठे रहे. उन्होंने कहा : इस संविधान से आज आप अध्यक्ष हैं. हम भी इसी संविधान से चुन कर आये हैं. ट्रैफिक पुलिस का अफसर रमेश गिरी विधायकों की गाड़ी को रोकता है़ विधायकों को कतार में लगाता है. विधायकों की गाड़ी रोक कर मीणा साहेब की गाड़ी पार कराता है. राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी अपनी गाड़ी पार्किंग में लगाते हैं, लेकिन दूसरे अफसर को देखिये.

हम सरकारी व्यवस्था, निमंत्रण पर वहां गये थे. कोई निजी कार्यक्रम नहीं था. निजी कार्यक्रम में हम मिले, तो मीणा हमसे बड़े हैं, मैंने पैर छू कर प्रणाम किया. लेकिन सरकारी कार्यक्रम की व्यवस्था अलग है. विधायक ने स्पीकर से कहा कि आप हमारे संरक्षक हैं. अब आसन तय करे कि अफसरों का ऐसा व्यवहार है.

राज्य के डीसी को प्रोटोकॉल नहीं मालूम है. अनूप सिंह के सदन में बात रखते ही पक्ष-विपक्ष के विधायक खड़े हो गये. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय, ममता देवी, अंबा प्रसाद जोर-जोर से बोलने लगीं. बंधु तिर्की, अमित यादव, डॉ लंबोदर महतो सहित कई विधायक विरोध में बोलने लगे. इधर विपक्ष ने भी शोर-शराबा शुरू किया. बिरंची नारायण, रणधीर सिंह, भानु प्रताप शाही, ढुल्लू महतो, अनंत ओझा सहित सभी विधायक सीट से खड़े हो गये. इससे पहले सुदिव्य कुमार ने कहा : जयमंगल सिंह सही बात कर रहे हैं. लेकिन सदन में किसी अफसर को घटिया नहीं बोला जाये. इसे कार्यवाही से स्पंज किया जाये. नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा : अफसर फोन नहीं उठाते. सदन कार्रवाई करे.

स्पीकर ने कहा

बेहद दु:खद, पत्र जायेगा हिदायत दी जायेगी

रांची. विधायकों की बात सुन स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि बेहद दु:खद है़ इस तरह का बर्ताव हो, तो किसी तरह से सही नहीं है. आपकी पीड़ा को समझ रहे हैं. आला-अफसरों को पत्र लिखूंगा. अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दें. आचरण सुधारने की हिदायत दी जाये़

एडीजी व रांची के डीसी पर लगाये आरोप

चर्चा के दौरान सीपी सिंह ने कहा : मैं तो कल राजभवन नहीं गया था. लेकिन सुन रहा हूं, बहुत गलत हो रहा है. एडीजी मुरारीलाल मीणा की चर्चा करते हुए कहा कि मैंने एक सिपाही की पैरवी की थी. उसका बेटा मानसिक रोगी था. रांची में रहने देने का आग्रह किया था. सिपाही को भेजने के लिए बोले. सिपाही जब मिलने गया, तो उसे धमकाया कि पैरवी कराते हो. उन्होंने रांची डीसी पर भी आरोप लगाये. वहीं मंत्रियों से कहा : अभी आपको सब जयहिंद कहता होगा. कुर्सी से उतरिये, पता चल जायेगा़ विधायिका को भी आचरण ठीक करना होगा.

Posted By: Sameer Oraon

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