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ED की मनी लाउंड्रिंग मामले में रांची और मुजफ्फरपुर में छापामारी, बिल्डर विशाल चौधरी से हुई 4 घंटे पूछताछ

ईडी ने मनी लाउंड्रिंग और पूजा सिंघल प्रकरण में एक साथ रांची और मुजफ्फरपुर में कई जगह छापा मारा, ये छापा बिल्डर विशाल चौधरी और निशित केशरी के ठिकानों पर पड़ा है. जहां करोड़ों रुपये के दस्तावेज जब्त किये गये हैं

रांची: ईडी ने मनी लाउंड्रिंग से जुड़े पूजा सिंघल प्रकरण में मंगलवार को रांची और मुजफ्फरपुर में छापा मारा. बुधवार को सुबह 6.45 बजे एनके कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निशित केशरी और फ्रंट ग्लोबल सर्विसेज के विशाल चौधरी के ठिकानों पर छापा मारा गया. विशाल चौधरी को देर शाम हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद रात 10.45 बजे छोड़ भी दिया गया.

छापेमारी में करोड़ों के लेन-देन के दस्तावेज जब्त किये गये हैं. फिलहाल लेन-देन में शामिल लोगों की जानकारी नहीं मिल सकी है. छापेमारी में नकद मिलने की सूचना है. केशरी आइएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के रिश्तेदार बताये जाते हैं, जबकि चौधरी को राज्य के बड़े आइएएस अफसरों का करीबी बताया जाता है. निशित केशरी की कंपनी में एक राजनीतिक व्यक्ति के पार्टनर होने की सूचना है.

निशित की कंपनी पर छापा :

आइएएस पूजा सिंघल व अन्य की मनी लाउंड्रिंग मामले में जारी जांच के दौरान इडी ने मंगलवार को चौथी बार छापेमारी की. पहली बार पूजा सिंघल व उनसे संबंधित लोगों के ठिकानों पर, दूसरी बार कोलकाता के बिल्डर अभिजीता कंस्ट्रक्शन और तीसरी बार रांची के पंचवटी बिल्डर्स के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी.

इडी ने विशाल के अशोक नगर स्थित किराये के मकान व मुजफ्फरपुर के ठिकानों पर छापा मारा. इसके बाद एनके कंस्ट्रक्शन के निशित केशरी के ओक फॉरेस्ट स्थित कार्यालय पर छापा मारा.

हमारे प्रोजेक्ट में कोई नौकरशाह नहीं :

इस मामले में निशित केशरी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि इडी की टीम आयी जरूर थी, लेकिन यह एक रूटीन जांच थी. इडी को कहीं से सूचना मिली थी कि एनके कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट में नौकरशाहों का पैसा लगा है, लेकिन जांच में न कोई ऐसा दस्तावेज मिला और न ही कोई नकद बरामदगी हुई है. हमारे प्रोजेक्ट में ना कोई दो नंबर का पैसा लगा है और न ही कोई नौकरशाह हमारे प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ है.

विशाल के घर से मिले लेन-देन के दस्तावेज :

विशाल चौधरी के घर से करोड़ों के लेन-देन से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. विशाल एफजीएस नामक ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट का काम करता है. एफजीएस का कार्यालय अरगोड़ा चौक स्थित आइडीबीआइ बैंक के पास है. उसकी यह संस्था नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से सर्टिफाइड है.

बड़े अधिकारियों से संबंध, नामी बिल्डरों में है शुमार :

विशाल करीब सात कंपनियों में निदेशक है. राज्य के बड़े अधिकारियों से मधुर संबंध होने से उसका कई विभागों में दबदबा है. निशित केशरी की गणना राज्य के बड़े बिल्डरों में होती है. छापेमारी में उसके ठिकानों से व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित दस्तावेज जब्त हुए हैं.

इसमें करोड़ों के लेन-देन का ब्योरा है. निशित की कंपनी की कई महंगी अवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं में पुनदाग रोड स्थित ‘ओक फॉरेस्ट’, अशोक विहार स्थित ओक इंक्लेव, पुनदाग रोड स्थित पॉल्म, आइएसएम चौक स्थित पॉल्म एलिगेंस, रातू रोड स्थित पोद्दार इंक्लेव, हिनू स्थित सिल्वर फर्न्स, अरगोड़ा चौक स्थित सिद्धार्थ इंक्लेव और बर्दवान कंपाउंड स्थित ज्योति प्लाजा शामिल हैं.

Posted By: Sameer Oraon

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