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IPS से राजनेता बने डॉ अजय कुमार को आप कितना जानते हैं, यहां पढ़ें पूरी खबर

IPS अधिकारी से राजनीति में आने वाले डॉ अजय कुमार राष्ट्रपति पद की NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चर्चा में हैं. इनकी राजनीतिक सफर की बात करें, तो सिविल सेवा की नौकरी छोड़ 2011 में जमशेदपुर से सांसद बने डॉ कुमार JVM, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का दामन थाम चुके हैं.

Jharkhand News: एक पुलिस अधिकारी से राजनीति में आनेवाले डॉ अजय कुमार एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार डॉ कुमार ने राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के साथ राजनीतिक सफर शुरू करने वाले डॉ कुमार वर्तमान में कांग्रेस के तीन राज्यों के प्रभारी हैं. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे डॉ अजय कुमार वर्तमान में तीन राज्य त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम के प्रदेश प्रभारी हैं. डॉ कुमार कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के बतौर सदस्य भी हैं. साथ ही कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं.

डॉ अजय कुमार का राजनीतिक सफर

डॉ कुमार की राजनीतिक सफर की बात करें, तो सिविल सेवा की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखने वाले डॉ कुमार झारखंड विकास मोर्चा से अपनी शुरुआत की. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की अगुवाई वाली झारखंड विकास मोर्चा (JVM) से राजनीतक सफर शुरू करने वाले डॉ कुमार वर्ष 2011 के लोकसभा उपचुनाव में जमशेदपुर से सांसद निर्वाचित हुए. 15वें लोकसभा चुनाव को लेकर जमशेदपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी डॉ दिनेशानंद गोस्वामी को पराजित कर पहली बार सांसद बने.

2011 में बने सांसद

1994 से 96 के दौरान पूर्वी सिंहभूम के एसपी रहे डॉ कुमार अपने कड़क अंदाज के लिए मशहूर थे. एसपी रहते इन्होंने अपराधियों पर ऐसा नकेल कसा कि सभी के जुबान पर डॉ कुमार थे. इसी लोकप्रियता का असर था कि 2011 के लोकसभा उपचुनाव में जमशेदपुर से डेढ़ लाख से अधिक वोट से जीते. लेकिन, यह जीत 2014 के लोकसभा में बरकरार नहीं रख सके. 2014 के 16वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विद्युत वरण महतो से हार गये.

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सिविल सेवा की नौकरी छोड़ टाटा मोटर्स में बने थे सीनियर एग्जीक्यूटिव

1986 बैच के IPS अधिकारी रहे डॉ कुमार जमशेदपुर में एसपी रहने के दौरान 1996 के बाद उन्होंने सिविल सेवा को छाेड़ दिया. सिविल सेवा को छोड़ टाटा मोटर्स में बतौर सीनियर एग्जीक्यूटिव कमान संभाली. कुछ साल कार्य करने के बाद उन्हें इसमें मन नहीं लगा और राजनीति की ओर रूख किया.

जेवीएम, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और फिर कांग्रेस पार्टी का सफर

इधर, डॉ कुमार 2014 में जेवीएम को छोड़ कांग्रेस का दामन थामा. इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी बने. वहीं, 16 नवंबर, 2017 को झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने. लेकिन, दो साल में ही कांग्रेस से इनका मोहभंग हाे गया. 19 सितंबर, 2019 को कांग्रेस छाेड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए. लेकिन, एक साल में ही आम आदमी पार्टी से डॉ कुमार का मोहभंग हो गया और 27 सितंबर, 2020 को एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गये. इसके बाद से वर्तमान में कांग्रेस से जुड़े हैं.

1985 में डॉक्टर और 1986 में सिविल सेवा में चयनित

कर्नाटक के मैंगलोर शहर में जन्में अजय कुमार वर्ष 1985 में पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च संस्थान से डॉक्टर की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद सिविल सेवा की ओर रूख किया और 1986 में IPS के रूप में चयनित हुए. सिविल सेवा में डॉ कुमार का कार्यकाल 1986 से 1996 रहा.

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Posted By: Samir Ranjan.

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