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कोरोना की जांच तीन हजार रुपये से कम में संभव नहीं, पैथकाइंड व मेडिका ने स्वास्थ्य विभाग को भेजा प्रस्ताव

झारखंड में कोरोना जांच के लिए अधिकृत डॉ लाल पैथोलॉजी लैब द्वारा कोरोना की जांच दर 2,400 रुपये निर्धारित करने के बाद अन्य निजी लैब की गतिविधि तेज हो गयी है.

रांची : झारखंड में कोरोना जांच के लिए अधिकृत डॉ लाल पैथोलॉजी लैब द्वारा कोरोना की जांच दर 2,400 रुपये निर्धारित करने के बाद अन्य निजी लैब की गतिविधि तेज हो गयी है. सूत्रों की मानें, तो पैथकाइंड व मेडिका प्रबंधन ने कोरोना की जांच दर 3,000 रुपये करने का मन बना लिया है. जांच लैब संचालकों द्वारा प्रस्ताव बना कर सरकार को भेजा गया है.

पैथकाइंड व मेडिका प्रबंधन का कहना है कि लॉजिस्टिक पर खर्च ज्यादा हाेता है, इसलिए 2,400 रुपये में जांच करना संभव नहीं है. दर को कम करने में परेशानी होगी व गुणवत्तापूर्ण जांच नहीं हो सकेगी. एेसे में जांच दर 3,000 रुपये की जाये. इधर, डॉ लाल पैथोलॉजी को छोड़ कर अन्य निजी जांच लैब कोरोना जांच की पुरानी दर 4,500 ही वसूल रहे हैं. निजी लैब का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद ही कीमत कम की जायेगी.

जानकारी के अनुसार, आरटीपीसीआर के माध्यम से पटना में कोरोना की जांच 2,500 रुपये में हो रही है. पैथकाइंड पटना में अपना जांच लैब स्थापित करने जा रहा है, जिससे झारखंड के सैंपल की जांच 2,500 रुपये तक हो सकती है. अभी पैथकाइंड द्वारा झारखंड से सैंपल इकट‍्ठा कर दिल्ली भेजा जाता है. वहां जांच के बाद रिपोर्ट भेजी जाती है. दूसरी ओर, झारखंड सरकार को दिये प्रस्ताव में निजी जांच लैब का कहना है कि हम स्वास्थ्य विभाग का हर निर्देश मानने को तैयार हैं. कोविड-19 महामारी में हम सरकार के साथ हैं. हमने अपनी समस्या से अवगत करा दी है, इसके बाद सरकार को फैसला लेना है.

कोर डाइग्नोस्टिक में फिलहाल जांच बंद : राज्य सरकार की अधिकृत जांच लैब कोर डाइग्नोस्टिक ने फिलहाल कोरोना की जांच बंद कर दी है. लैब संचालक का कहना है कि राज्य के कई जिले में आरटीपीसीआर लैब स्थापित करने की तैयारी चल रही है, इसलिए जांच बंद किया गया है. लैब का संचालन होने के बाद कोरोना जांच होने लगेगी. सरकार द्वारा निर्धारित दर पर जांच की जायेगी.

लैब का कहना है कि लॉजिस्टिक पर खर्च ज्यादा हाेता है

वर्तमान में दोनों लैब 4,500 रुपये में कर रहे हैं जांच

डॉ लाल पैथलैब ‍2,400 में कर रहा कोरोना की जांच

रांची में नये केस मिले, पर कांटैक्ट ट्रेसिंग कर नहीं की जा रही है जांच : स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने रांची डीसी को पत्र भेज कर कहा है कि हाल के दिनों में रांची के शहरी क्षेत्र में कई कोरोना संक्रमित मिले हैं, पर कांटैक्ट ट्रेसिंग कर जांच नहीं की जा रही है. उन्होंने शहरी क्षेत्र में नये मिले कोरोना संक्रमितों के आधार पर संबंधित इलाकों में कंटेनमेंट जोन व माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर व्यापक स्तर पर जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

उन्होंने लिखा है कि हाल के दिनों में रांची शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है. थड़पखना एचबी रोड, अंतु चौक मोरहाबादी, सेक्टर टू धुर्वा, बरियातू, कांटा टोली, कर्बला चौक आदि क्षेत्रों में पॉजिटिव मरीज मिले हैं. इनकी पहचान के बाद व्यापक स्तर पर कांटैक्ट ट्रेसिंग किया जाना आवश्यक था, किंतु जिला प्रशासन के स्तर से कांटैक्ट ट्रेसिंग किये जाने की कोई सूचना नहीं है.

सचिव ने लिखा है कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, रिहायशी इलाकों में पॉजिटिव पाये जाने की स्थिति में कंटेनमेंट व माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर व्यापक स्तर पर कांटैक्ट ट्रैसिंग किया जाना है. साथ ही इन क्षेत्रों में घर-घर सर्वेक्षण, बफर जोन का चिह्नितीकरण आदि कार्य नहीं किये गये हैं. ऐसी स्थिति में इन क्षेत्रों में संक्रमण फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.

सचिव ने सभी कोरोना केस के आवासीय क्षेत्र की पहचान कर भौगोलिक क्षेत्र निर्धारित करते हुए कंटेनमेंट जोन घोषित करने का निर्देश दिया है. कंटेनमेंट जोन में तीन से पांच टीम गठित कर तीन से पांच दिनों तक प्रत्येक घर में सर्वे करने को कहा है. यह कार्य कर रिपोर्ट देने को कहा है.

स्वास्थ्य सचिव ने रांची डीसी को भेजा पत्र

संबंधित इलाकों में कंटेनमेंट व माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर जांच अभियान चलाने का निर्देश

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