महेशपुर : प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय बासकेंद्री में बुधवार को संकुल स्तरीय शिक्षा अखाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें काफी संख्या में स्कूली बच्चे, अभिभावक, पंचायत प्रतिनिधि व स्थानीय ग्रामीण शामिल हुए. बीइइओ सहित अन्य अधिकारी व पंचायत प्रतिनिधियों का स्वागत आदिवासी युवतियों ने पारंपरिक संताली नृत्य से किया. बीइइओ भरत कुमार ने कहा कि कहा कि जिस तरह मनुष्य को जिंदा रहने के लिए भोजन जरूरी है,
ठीक उसी तरह जीवन में आगे बढ़ने तथा उन्नति करने के लिए शिक्षा भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. नियमित विद्यालय आने-वाले बच्चों व नियमित विद्यालय नहीं आनेवाले बच्चों की तुलना में अधिक कार्य कुशलता होती है. शिक्षकों का दायित्व है कि नामांकित बच्चों का शत प्रतिशत ठहराव विद्यालय में सुनिश्चित करायें. उन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करें. बीइइओ ने बताया कि ग्रीष्मावकाश के बाद विद्यालय खुलने के बाद कैंप लगाकर विद्यालयवार बच्चों का बैंक खाता खुलवाने का कार्य किया जायेगा.
इस कार्य में पंचायत प्रतिनिधि के सहयोग की भी जरूरत है. उन्होंने विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य को सात दिन, 15 दिन तथा एक माह में नियमित निरीक्षण करने को कहा. बासकेंद्री पंचायत की मुखिया संतोशिला हांसदा, पंचायत समिति सदस्य निर्मल हेंब्रम ने शिक्षा अखाड़ा में लोगों से संताली भाषा में बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने की अपील की. इस मौके पर उप मुखिया सुशांति सोरेन, वार्ड सदस्य तसलीम वाहिद, प्रभारी बीपीओ अब्दुस सलीम, बीआरपी घनश्याम चौबे, मोहनलाल मिश्रा, हरिशरण चौबे, मोजीबुर रहमान, अब्दुस समाद, शिक्षक शशिकांत त्रिपाठी आदि थे.