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फायरिंग करते एक बदमाश फरार

नाकामी . पुलिस की कमजोर रणनीति का उठाया फायदा पाकुड़ पुलिस ने ठाकुर टुडू को पकड़ने में सफलता पायी है. लेकिन इस दौरान पुलिस की कमजोर रणनीति भी दिखी. पुलिस को फायरिंग का अंदाजा नहीं था. पाकुड़ : अपहरण, लूट, डकैती सहित अन्य मामलों में संलिप्त गिरोह के मुख्य सरगना शातिर अपराधी ठाकुर टुडू उर्फ […]

नाकामी . पुलिस की कमजोर रणनीति का उठाया फायदा

पाकुड़ पुलिस ने ठाकुर टुडू को पकड़ने में सफलता पायी है. लेकिन इस दौरान पुलिस की कमजोर रणनीति भी दिखी. पुलिस को फायरिंग का अंदाजा नहीं था.
पाकुड़ : अपहरण, लूट, डकैती सहित अन्य मामलों में संलिप्त गिरोह के मुख्य सरगना शातिर अपराधी ठाकुर टुडू उर्फ प्रभु टुडू को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की बनायी गई कमजोर रणनीति का ही नतीजा है कि दिन के उजाले में पुलिस टीम पर ताबड़-तोड़ फायरिंग करते हुए मौके से अपराधी फरार होने में सफल रहा. लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बने शातिर अपराधी ठाकुर टुडू की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम गठित तो की गयी थी. पर अपराधी के द्वारा किये जाने वाले फायरिंग का अंदाजा पुलिस ने नहीं लगाया था. यही कारण है कि आम अपराधी के तरह ही महज पांच पुलिस पदाधिकारी उसे गिरफ्तार करने पहुंच गये थे. बहरहाल घटना के दौरान दोनों तरफ से हुए फायरिंग के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी व जवान सुरक्षित रहे.
सार्वजनिक स्थल पर हुए फायरिंग का भी अपराधियों ने उठाया लाभ : नगरनबी स्टेशन के समीप जिस समय अपराधी व पुलिस के बीच फायरिंग हो रही थी. नगरनबी स्टेशन पर ट्रेन भी आ कर रूकी थी और ट्रेन से काफी संख्या में यात्री भी उतरे थे. सार्वजनिक स्थान पर अपराधियों द्वारा पुलिस को निशाना बना कर लगातार फायरिंग किया जा रहा था. जबकि पुलिस की ओर से आम लोगों को ध्यान में रखते हुए फायरिंग किया जा रहा था. सार्वजनिक स्थान होने का भी अपराधी को लाभ मिला और आसानी से दूसरा अपराधी मानिक मुर्मू उर्फ मंजीत अपने मोटरसाइकिल से भागने में सफल रहा.
पुलिस को नहीं था अपराधियों के ओर से फायरिंग का अंदेशा
गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने बिछाया था जाल
लंबे समय से अपराधी ठाकुर टुडू की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने पूर्व से ही जाल बिछा रखा था. पुलिस ने जिस गांव में फायरिंग की वारदात हुई वहां एक व्यक्ति को पूर्व से ही तैयार कर अपराधी ठाकुर टुडू को रूपया का प्रलोभन देकर बुलाया था. पूर्व में पुलिस को ये सूचना थी कि रात के अंधेरे में अपराधी रूपया लेने वहां पहुंचेंगे, पर रात भर इंतजार के पश्चात भी जब अपराधी ठाकुर टुडू वहां नहीं पहुंचे तो पुलिस की आस टूट चुकी थी. बाद में एसपी अजय लिंडा के निर्देश पर अहले सुबह एक बार फिर ठाकुर टुडू को रुपया देने का प्रलोभन जैसे जाल में फंसाया और वही लालच उन्हें वहां तक ले आया. ठाकुर टुडू पूरी तैयारी के साथ वहां पहुंचा था. ठाकुर टुडू के पास एक पिस्तौल व कई जिंदा कारतूस थे. जबकि उसके सहयोग अपराधी मानिक मुर्मू उर्फ मंजीत के पास दो हथियार व काफी कारतूस मौजूद था. जैसे ही पैसा लेने अपराधी पुलिस द्वारा तैयार किये गये सूत्र के पास पहुंचा. पुलिस उसे दबोच लेना चाही, पर अपराधी पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दिया.
घटना के बाद दहशत का माहौल
नगरनबी स्टेशन के समीप स्थित बागीरपाड़ा नयाटोला गांव में मंगलवार की सुबह अपराधी व पुलिस के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग हुई थी. उक्त घटना के दौरान आस-पास मौजूद ग्रामीण के बीच अफरा-तफरी का माहौल रहा. वहीं घटना के बाद भी लोगों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि अब तक के इतिहास में यह पहला मामला है जब नगरनबी के बगल स्थित छोटे से गांव में अपराधी व पुलिस के बीच फायरिंग हुआ हो. पुलिस पदाधिकारी के भी सिविल ड्रेस में होने के कारण ग्रामीणों को पहले कुछ समझ पाने में परेशानी हुई. बाद में जब फायरिंग करते सीतपहाड़ी की ओर भाग रहे अपराधी ठाकुर टुडू को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो मामला स्पष्ट हुआ.
नालसा का सदस्य बता कर ठाकुर टुडू ने ही दी थी मुखिया को धमकी
पुलिस के हत्थे चढ़े अपराधिक गिरोह का सरगना ठाकुर टुडू उर्फ प्रभु टुडू ने ही कुछ दिन पूर्व तोड़ाई पंचायत के मुखिया एम्मानुएल मुर्मू को जान मारने की धमकी दी थी. जिस मोबाईल व सिम से मुखिया को ठाकुर टुडू ने धमकी दी थी, पुलिस ने उसे भी जब्त कर लिया है. गौरलब हो कि लंबे समय से पुलिस के गिरफ्त से फरार चल रहे ठाकुर टुडू को पुलिस के समक्ष सुपुर्द किये जाने की बात बताते हुए तोड़ाई पंचायत में प्रधान की अध्यक्षता विगत 28 नवंबर को एक बैठक हुई थी. जिसमें अपराधी ठाकुर टुडू के माता-पिता को तब तक के लिए गांव से निकाला कर दिया गया था, जब तक ठाकुर टुडू को ग्रामीण या पुलिस के समक्ष नहीं सुपुर्द किया जाता है. इसी मामले में ठाकुर टुडू ने ही मुखिया को अपने मोबाईल फोन से असम के प्रतिबंधित संगठन नालसा का सदस्य बन कर फोन किया था.
कहीं सममुच नालसा का सदस्य तो नहीं है ठाकुर टुडू!
इस बात को लेकर अब भी सस्पेंश बरकरार है कि कहीं सच में तो नालसा का सदस्य नहीं है ठाकुर टुडू! आम लोगों में यह चर्चा है कि असम जैसे राज्य में प्रतिबंधित संगठन नालसा को ठाकुर टुडू कैसे जान रहा है. आखिर तोड़ाई के मुखिया को धमकी देने के समय नालसा संगठन का ही नाम इन्होंने क्यों लिया. हालांकि एसपी अजय लिंडा ने स्पष्ट किया है कि दूर-दूर तक नालसा जैसे संगठन से ठाकुर टुडू का संबंध वर्तमान में सामने नहीं आया है. उन्होंने बताया कि एक-डेढ़ साल तक ठाकुर टुडू असम में रह कर चाय के बगान में काम किया था. बहरहाल जो भी तहकीकात के बाद ही मामला खुल कर सामने आयेगी.

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