पाकुड़ कोर्ट . जिला एंव अपर सत्र न्यायधीश प्रथम ओमप्रकाश श्रीवास्तव के न्यायालय में विशिष्ट वाद संख्या 03/2008 के मुख्य आरोपी आमिरूद्दीन शेख एवं ब्रजेश मिश्रा दोनो निवासी रानी दिग्धी पाटाल निवासी को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रतिषेध अधिनियम के अतिरिक्त भादवी की धारा के अंतर्गत पांच वर्ष सह श्रम करावास और पांच हजार रूपया अर्थ दंड की सजा खुले न्यायालय में सुनाई गई. गौरतलब हो की पीडि़ता लिखित परिवाद पर उक्त मामला पीसीआर वाद संख्या 20/2007 दर्ज किया गया. जिसके मुताबिक उपरोक्त अभियुक्तों द्वारा पीडि़ता को उसके ही संम्पति से बदनियती की भावना से बेदखल कर संम्पति हड़पने की कोशिश, पीडि़ता के साथ मारपीट कर उसकी लज्जा भंग किया गया और समाज में नीचा लिखाने के लिए उसे जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते भद्दी-भद्दी गालियां भी दी गई.
उपरोक्त मामले में गवाहों के प्रति परीक्षण के बाद दोनों अभियुक्तों को दोषी करार ठहराया गया और दोषित करार करते हुए पांच वर्ष सह श्रम करावास एवं पांच रुपये का अर्थ दंड की सजा सुनाई गई. बचाव पक्ष की और से अधिवक्ता दिनानाथ गोस्वामी एवं अभियोजन की और से पवन कुमार टोप्पो मौजूद थे.