जिले में चल रहे विद्यालयों की सुरक्षा की फिकर कभी प्रशासन को नहीं हुई. जिसका परिणाम लबदा मिशन स्कूल की छात्राओं के साथ गैंगरेप है. यह विद्यालय घोर जंगल के बीचों बीच स्थित था. इसकी जानकारी प्रशासन को नहीं थी.
सिर्फ यही विद्यालय नहीं जिले में कई ऐसे कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं जो पूरी तरह असुरक्षित हैं. कभी भी हमलावर हमला कर सकते हैं. इन विद्यालयों में जिले की सैकड़ों छात्राएं अध्ययनरत हैं.
इसके अलावे दर्जन भर स्वयं सेवी संस्थान है जहां बालिकाओं को शिक्षण के साथ साथ कई तरह के व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिये जाते है. लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये जाने से छात्राएं डरी सहमी रहती है. जिले में संचालित छह कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पाकुड़ छोड़ कर सभी एकांत वास में हैं. जहां कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
हिरणपुर : लिट्टीपाड़ा प्रखंड के लबदा गांव में हुए सामूहिक दुष्कर्म की खबर सुन कर आवासीय विद्यालयों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं में पठन पाठन कर रहे छात्राएं अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है. हिरणपुर में विकलांग सेवा समिति द्वारा संचालित लघु सिंचाई विभाग के खंडहर एवं जजर्र पड़े खाली भवन में 150 लड़कियां पठन पाठन कर रही है जहां वर्ग अष्टम तक पढ़ाई होती है.
उस विद्यालय में सुरक्षा के नाम पर मात्र एक नाइट गार्ड की व्यवस्था संस्था द्वारा की गयी है. वहीं हिरणपुर प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर दूरी पर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राएं भी उक्त घटना को लेकर सहमी हुई है. पठन–पाठन कर रही छात्राओं ने पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन से विद्यालय में चहारदीवारी निर्माण एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है.
घटना को लेकर महिला थाना प्रभारी राम विशुन पासवान कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय घाघरजनी पहुंचे तथा सुरक्षा का जायजा लिया. निरीक्षण के क्रम में एक निजी सुरक्षा गार्ड पाये गये.
जबकि विद्यालय में एक सौ से अधिक छात्राएं पठन पाठन करते देखी गयी. उन्होंने कहा कि विद्यालय में घेराबंदी नहीं है इसके लिए जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करायेंगे. वहीं कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की वार्डेन ने भी उपायुक्त पाकुड़ से चहारदीवारी निर्माण कराने की मांग की है.