लिट्टीपाड़ा : लबदा गांव ही नहीं पूरा लिट्टीपाड़ा का इलाका खासकर जंगली व पहाड़ी इलाका नक्सलियों का सेफ जोन है. इस इलाके में नक्सली रात–दिन सक्रिय रहते हैं. इस बात की जानकारी लबदा, जमजोरी सहित आसपास के गांव के सभी लोगों को है.
यही कारण है कि रात को इन इलाकों में नक्सली मूवमेंट के चलते, उनके भय से लोग घरों से बाहर नहीं निकलते. नक्सलियों की पैठ आदिवासियों के बीच अधिक है. इस सेफ जोन में चार आदिवासी छात्रों के साथ गैंग रेप से कहीं न कहीं नक्सली भी विचलित हुए हैं.
क्योंकि इस तरह की हरकत से सेफ इलाके में पुलिस का आना–जाना होगा. इलाके में पुलिस मूवमेंट तेज होगा.
इस कारण नक्सलियों को खतरा हो सकता है. इसलिए सूत्र बताते हैं कि नक्सलियों ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है. यह भी कहा जा रहा है कि नक्सली अदालत में इन दुष्कर्मियों या उनके अभिभावकों की पेशी हो सकती है. क्योंकि नक्सली नहीं चाहेंगे कि उनका सेफ जोन अशांत हो.