मुरलीपहाड़ी : नारायणपुर प्रखंड का हरनासेर सबजाकनाली गांव विकास से कोसों दूर है. गांव में सड़क, पेयजल आदि की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव की आबादी 600 है. चारों ओर से जंगल व पहाड़ से घिरा हुआ है. यहां बसने वाले आदिवासी समाज के मजदूर वर्ग के लोग हैं.
रोजगार के लिये भटकने को मजबूर
गांव के पुरुष वर्ग मजदूरी के लिये यहां-वहां भटकते रहते हैं. जहां काम मिल गया कर लिये और दो जून की रोटी जुगाड़ कर ली. अगले दिन फिर से काम की तलाश में निकल पड़ते हैं. वहीं महिलाएं दातुन, पत्ता बेचकर घर के खर्च में हाथ बंटाती हैं. सभी जंगल से पता चुन कर व दातुन तोड़ कर लाती है.
कच्ची सड़क भी नसीब नहीं
यहां के लोगों को आवागमन के लिये अबतक कच्ची सड़क भी नसीब नहीं हुआ है. अच्छी सड़क नहीं रहने के चलते जंगल की पगडंडी व पहाड़ी रास्ते इनका सहारा है. इस कारण शाम होने के पूर्व ही बाहर का सारा काम निबटा कर गांव चले आते हैं. इतने वर्षो से गांव एक भी चार पहिया वाहन नहीं पहुंचा है.
पीते हैं डोभा व कूप का पानी
कुछ ऐसा ही हाल पेयजल का भी है. गांव के लोग चापाकल के रूप में डोभा तथा कूप का पानी पीते हैं. दूषित जल के सेवन से ग्रामीण बरसात में महामारी की चपेट में आ जाते हैं. अब तक गांव में पेयजल के लिये समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है.
किसी ने नहीं की पहल
गांव के विकास के लिये न तो प्रशासन और न तो जनप्रतिनिधि ही सामने आये है. किसी ने भी गांव के विकास के लिये पहल की होती तो आज गांव में सड़क व पेयजल की समस्या जरूर दूर हो जाती.
केवल मिला है कोरा आश्वासन
ग्रामीण बाबूजन मरांडी, हुसैन मरांडी, मोटका सोरेन, सत्य मरांडी, पशुलाल मरांडी ने बताया कि हमलोगों ने समय समय पर जनप्रतिनिधि से लेकर पदाधिकारी तक को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन इनलोगों ने सिर्फ कोरा आश्वासन ही दिया. ग्रामीणों ने बताया आगामी लोक सभा चुनाव में नेताओं को सबक सीखायेंगे.