लोहरदगा़ कभी उग्रवाद का गढ़ रहा पेशरार प्रखंड आज विकास की राह पर तेजी से अग्रसर है. मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड की पहल पर चैनपुर ग्राम में 20 उद्यमियों को कौशल उन्नयन योजना के तहत बंबू क्राफ्ट (बांस शिल्प) का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीणों को बंबू से फर्नीचर, सजावटी सामान और उपयोगी उत्पाद बनाने की तकनीक सिखायी जा रही है. बंबू क्राफ्ट से बने उत्पादों की बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए यहां के प्रशिक्षणार्थियों को उत्पादन और विपणन दोनों की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड के सहयोग से यहां कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) का निर्माण प्रस्तावित है, जहां प्रशिक्षण प्राप्त उद्यमी सामूहिक रूप से उत्पादन कार्य कर सकेंगे. इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को आवश्यक टूलकिट भी दी गयी है ताकि वे सीखे गये कौशल का प्रयोग कर आत्मनिर्भर बन सकें. बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि जिले में लगातार महिलाओं और युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसका उद्देश्य ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करना है. पलायन रूके, यहीं पर मिले रोजगार : डीसी : डीसी डॉ कुमार ताराचंद ने कहा कि लोहरदगा जिले के अनेक श्रमिक रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों की ओर पलायन करते हैं, जहां उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अब समय है कि लोग अपने ही गांव में उपलब्ध योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनें. डीसी ने बताया कि मनरेगा, कृषि, उद्यान, मत्स्य और डेयरी विकास जैसी योजनाओं में स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मौजूद हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत सब्सिडी पर ऋण उपलब्ध है. उन्होंने सभी मुखिया से अपील की कि पलायन करने वाले श्रमिकों की सूची श्रम विभाग को दें, ताकि उनका पंजीकरण कर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा सके.
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